वाशिंगटन. इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध ने गाजा को रहने के लिए बेहद मुश्किल बना दिया है. लगातार हो रहे हमलों में आम नागरिक मारे जा रहे हैं. वहीं, हमास ने अब तक अपने बंधकों को रिहा नहीं किया है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि वे इस संघर्ष में हस्तक्षेप कर सकते हैं. फ्लोरिडा में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने संकेत दिया कि वे मिडिल ईस्ट में सैन्य हस्तक्षेप और अपनी विदेश नीति के एजेंडे पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनके शपथ ग्रहण तक बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है.
बंधक परिवार फोरम की प्रतिक्रिया
बंधक परिवार फोरम ने ट्रंप की इस मामले में अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की है और सभी पक्षों से अपील की है कि शपथ ग्रहण से पहले एक समझौते पर पहुंचा जाए. ट्रंप ने मिडिल ईस्ट के लिए अपने नामित राजदूत स्टीव विटकॉफ को मंच पर बुलाकर बातचीत की ताजा जानकारी दी. विटकॉफ, जो रियल एस्टेट निवेशक हैं और विदेश नीति का कोई पूर्व अनुभव नहीं रखते हैं. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि शपथ ग्रहण तक स्थिति में सुधार हो सकता है.
सीरिया पर ट्रंप की रणनीति
सीरिया में अमेरिकी सैनिकों के भविष्य के सवाल पर ट्रंप ने अस्पष्ट जवाब दिया. पेंटागन के मुताबिक, ISIS को नियंत्रित करने के मिशन के तहत लगभग 2,000 अमेरिकी कर्मी अभी भी सीरिया में हैं. 2014 से, अमेरिकी सैनिकों ने कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) का समर्थन किया है.
हमास ने की बंधकों की रिहाई
अक्टूबर 2023 में दक्षिणी इजरायल पर हमले के बाद ट्रंप ने हमास की ओर से बंधक बनाए गए शेष लोगों की रिहाई पर कड़ा रुख अपनाया है. इजरायल का अनुमान है कि लगभग 100 लोग अब भी हमास की हिरासत में हैं.
साभार : एबीपी न्यूज
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं