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नोएल टाटा की बेटियां माया और लीह सर रतन टाटा इंस्टिट्यूट के बोर्ड में हुई शामिल

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मुंबई. टाटा ट्रस्ट (Tata Trust) के चेयरमैन नोएल टाटा (Noel Tata) की बेटियों माया (Maya) और लिया (Leah) को सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में शामिल किया गया है, जो सर रतन टाटा ट्रस्ट का एक उपसमूह है, जो समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के दो प्रमुख शेयरहोल्डर्स में से एक है. नोएल टाटा को अक्टूबर 2024 में टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया था, उनके तीन बच्चे हैं – लिया (39 साल), माया (36 साल) और नेविल (32 साल).

इससे अंदरूनी दरार भी सामने आई

माया और लिया टाटा ने अर्नाज कोटवाल (Arnaz Kotwal) और फ्रेडी तलाती (Freddy Talati) की जगह ली है, जो सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के ट्रस्टी के रूप में पद छोड़ चुकी हैं. इसके साथ ही, नोएल टाटा के बच्चे सभी छोटे टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड में मौजूद हैं, जबकि उन्हें अब भी दो मुख्य ट्रस्ट्स-सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट में शामिल किया जाना बाकी है. ट्रस्टियों के बदलाव ने एक अंदरूनी दरार भी पैदा किया है, अर्नाज कोटवाल ने साथी ट्रस्टीज को को एक चिट्ठी लिखकर उस तरीके पर नाराजगी जताई है, जिस तरह से उन्हें नए ट्रस्टीज को शामिल करने के लिए इस्तीफा देने के लिए कहा गया.

अर्नाज ने साथ ट्रस्टीज को लिखी चिट्ठी में कहा ‘चूंकि मैं अब दुबई में हूं और काफी विचार करने के बाद, मैंने बुर्जिस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, लेकिन मुझे बहुत दुख हुआ कि आप में से कोई भी इस मामले पर मुझसे सीधे बात करने के लिए नहीं पहुंचा और मैं उनके CEO सिद्धार्थ शर्मा के निर्देशन में एक अजनबी के जरिए मिली इस सूचना से अचंभित रह गई, दोनों में से किसी का भी SRTI से कोई रिश्ता नहीं है’. बुर्जिस तारापोरेवाला टाटा ट्रस्ट में एक एग्जिक्यूटिव हैं और सिद्धार्थ शर्मा CEO हैं. अर्नाज ने तारापोरेवाला को एक अलग ई-मेल लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि वो नोएल टाटा के कहने पर इस्तीफा दे रही हैं और उन्हें इस बारे में मेहली मिस्त्री का फोन भी आया था.

अर्नाज और फ्रेडी को बाहर करने की वजह

टाटा ट्रस्ट्स ने इस मामले में अबतक कोई टिप्पणी नहीं की है. मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि लिया और माया टाटा, जो सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट के संचालन से करीबी से जुड़ी रहीं हैं, उनको हाल ही में सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की ओर से ट्रस्टी के रूप में नामित किया गया था. SRTT को SRTII के ट्रस्ट डीड के मुताबिक उसके 6 बोर्ड मेंबर्स में से तीन को नॉमिनेट करने का अधिकार होता है.

माया और लिया को फ्रेडी तलाटी की जगह पर नॉमिनेट किया गया था, जो वर्तमान में NCPA के साथ हैं और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था. अर्नाज कोटवाल जो दुबई चली गईं और वहां VFS ग्लोबल के साथ काम कर रहीं हैं. SRTII के लिए बड़े पैमाने पर रेनोवेशन और अपग्रेडेशन की योजना को देखते हुए और इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत भी है. SRTT ट्रस्टी ऐसे नॉमिनेटेड व्यक्तियों को चाहते थे जिनके पास SRTII के मामलों के मैनेजमेंट का पूर्व अनुभव हो और वे इसके मामलों का मार्गदर्शन करने के लिए नियमित रूप से मुंबई में उपलब्ध हों.

SRTII की स्थापना 1928 में लेडी नवाजबाई टाटा और स्त्री जरथोस्त्री मंडल की ओर से गरीब महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के मकसद की गई थी. संस्थान ने महिलाओं के लिए खाना पकाने, सिलाई, कढ़ाई और मोंटेसरी टीचर ट्रेनिंग यूनिट्स को लेकर काम किया. लिया और माया की नियुक्ति का फैसला SRTT बोर्ड ने सर्वसम्मति से लिया है, जिसमें नोएल टाटा, विजय सिंह, वेणु श्रीनिवासन, डेरियस खंबाटा, जहांगीर एच. जहांगीर और मेहली मिस्त्री शामिल थे. SRTII के बोर्ड में बाकी ट्रस्टीज में फरीदा टाटा, आलू टाटा, मेहनोश कपाड़िया और धन खुसरोखान शामिल हैं. छोटे ट्रस्टीज में मिलेनियल जेनरेशन पीढ़ी की भागीदारी से उन्हें समूह स्तर पर बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार करने की उम्मीद है.

माया और लिया टाटा भी समूह की कंपनियों में मैनेजेरियल भूमिकाओं में हैं- माया टाटा डिजिटल में हैं और लिया इंडियन होटल्स में हैं. लिया टाटा के पास IE बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री है और वो वर्तमान में इंडियन होटल्स में वाइस प्रेसिडेंट. उनकी बहन ने टाटा कैपिटल में अपना करियर शुरू किया और टाटा न्यू ऐप का मैनेजमेंट करने वाली टीम का हिस्सा हैं.

साभार : एनडीटीवी

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