पटना. RJD के सीनियर लीडर और विधायक आलोक मेहता के ठिकानों पर शुक्रवार की सुबह ED की रेड पड़ी। इसमें से वैशाली में तीन जगहों पर आलोक मेहता के घर, कोल्ड स्टोरेज और सहकारिता बैंक पर छापा पड़ा है। आलोक मेहता का इस बैंक और कोल्ड स्टोरेज से क्या रिलेशन है, क्यो बैंक पर छापा पड़ा….इसकी पूरी डिटेलिंग यहां पढ़िए। सबसे पहले जानते हैं कि वैशाली में स्थित सहकारिता बैंक से आलोक मेहता का क्या कनेक्शन है।
वैशाली के शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक में करीब 100 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में हजारों निवेशकों की जमापूंजी फर्जी लोन के सहारे गबन कर ली गई। इस मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और राजद नेता आलोक मेहता का नाम सामने आया है। 35 साल से बैंक कारोबार कर रहे इस बैंक पर जून 2023 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाई थी। शुरूआती जांच में 5 करोड़ रुपए के गबन की बात सामने आई थी, लेकिन विस्तृत जांच में यह रकम 100 करोड़ तक पहुंच गई।
कोल्ड स्टोरेज ने 60 करोड़ का लोन लिया था
दो कंपनियों, लिच्छवि कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज ने बैंक से फर्जी कागजात के आधार पर करीब 60 करोड़ रुपए का लोन लिया था। फर्जी कागजातों के सहारे किसानों के नाम पर दी गई करोड़ों के इस लोन में बैंक ने भी नियम कायदों को ताक पर रख लोन जारी किया था।
फर्जी पहचान पत्रों के सहारे 30 करोड़ रुपए निकाले
खुलासा ये भी हुआ कि बैंक ने फर्जी LIC बॉन्ड और लोगों के फर्जी पहचान पत्रों के सहारे 30 करोड़ रुपए से अधिक की रकम भी निकाल ली थी। इस घोटाले में पूर्व मंत्री आलोक मेहता और उनके परिवार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी। घोटाले का छींटा बिहार सरकार में पूर्व भू स्वामित्व मंत्री आलोक मेहता पर जा रहा था। इस कोऑपरेटिव बैंक और फर्जी लोन की निकासी करने वाले दोनों कंपनियों से मंत्री परिवार का सीधा-सीधा कनेक्शन सामने आया है।
जिन कंपनियों ने फर्जी लोन लिया, उसका आलोक मेहता से संबंध
आलोक मेहता 1995 से 2012 तक बैंक के चेयरमैन रहे। आरोप है कि घोटाले की नींव उनके चेयरमैन रहते हुए ही रखी गई थी। बैंक का प्रबंधन उनके परिवार के पास ही रहा और जिन कंपनियों ने फर्जी लोन लिया, उनका भी सीधा संबंध मंत्री के परिवार से बताया जा रहा है।
खाताधारकों का आक्रोश
बैंक घोटाले के शिकार लोग अपनी जिंदगी भर की जमापूंजी गंवाने के बाद आक्रोशित हैं। खाताधारकों ने मंत्री के भतीजे और बैंक के वर्तमान चेयरमैन संजीत मेहता को घेरा है। संजीत ने घोटाले का ठीकरा सीधे पूर्व मंत्री आलोक मेहता पर फोड़ा है। घोटाले के संबंध में हाजीपुर नगर थाने में दो अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। बैंक के CEO और मैनेजर फरार हैं। पुलिस और अन्य एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं।
साभार : दैनिक भास्कर
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