लखनऊ. उत्तर प्रदेश एटीएस ने बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के मामले में 2 आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। इनमें जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन शामिल हैं। इन पर जबरन और धोखे से धर्म बदलवाने का आरोप है। गिरफ्तारी के चौथे दिन बुधवार को लखनऊ में NIA कोर्ट ने दोनों आरोपियों की 7 दिनों की डिमांड मंजूर की है। एटीएस रिमांड अवधि में धर्मांतरण के पूरे नेटवर्क, वित्तीय स्रोतों, विदेशी फंडिंग के बारे में पूछताछ करेगी।
ATS के हाथ लगे अहम सुराग
ATS को धर्मांतरण के इस नेटवर्क से जुड़े कई डिजिटल रिकॉर्ड, दस्तावेज और शपथ पत्र मिले हैं। खुलासा हुआ है कि नीतू ही छांगुर बाबा के लिए धर्मांतरण का “ब्रेनवॉश मॉडल” चला रही थी। कुछ मामलों में तो नीतू ने खुद पीड़ित बनकर लड़कियों को बहकाया। उनसे कहा- मैं भी बीमार थी, बाबा से मिली तो ठीक हो गई। परिवार में सुख-शांति आ गई। इस तरह से लड़कियां उसके झांसे में आ जाती थीं।
पढ़िए क्या है पूरा मामला…
यूपी एटीएस ने बलरामपुर के रेहरा माफी निवासी धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके बेटे महबूब, नवीन रोहरा समेत 10 लोगों पर नवंबर 2024 में एफआईआर दर्ज की थी। 8 अप्रैल को दो आरोपियों नवीन उर्फ जमालुद्दीन और छांगुर बाबा के बेटा महबूब को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों के बाद से ही छांगुर बाबा और नवीन रोहरा की पत्नी नीतू उर्फ नसरीन अंडरग्राउंड हो गई थी।
छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। छांगुर बाबा और नसरीन को ATS ने शनिवार को लखनऊ के स्टार रूम्स होटल से गिरफ्तार किया था। मंगलवार को उसके बलरामपुर स्थित कोठी को बुलडोजर से ढहाया गया। मंगलवार को ही ईडी ने छांगुर और उसके गैंग के सदस्यों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया।
साभार : दैनिक भास्कर
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