नई दिल्ली. 1984 सिख दंगे के केस में दिल्ली की अदालत ने दो लोगों की हत्या के लिए सज्जन कुमार को दोषी ठहराया है। बता दें कि सरस्वती विहार इलाके में दो लोगों की हत्या की गई थी। इस मामले में ही सज्जन कुमार को दोषी बनाया गया था।
पिता-पुत्र की हत्या से जुड़ा है मामला
बता दें कि यह मामला सरस्वती विहार इलाके में एक नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उसके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा है। इस मामले में अधिवक्ता अनिल शर्मा ने दलील दी थी कि सज्जन कुमार का नाम शुरू से ही नहीं था। यह भी कहा गया कि विदेशी भूमि का कानून लागू नहीं होता और गवाह द्वारा सज्जन कुमार का नाम लेने में 16 साल की देरी हुई। यह भी कहा गया कि सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने वाले मामले की अपील सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
पीड़ितों की तरफ से पेश हुए थे अधिवक्ता एच एस फुल्का
वहीं, इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुल्का दंगा पीड़ितों की ओर से कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने तर्क दिया था कि सिख दंगों के मामलों में पुलिस के द्वारा जांच में हेराफेरी की गई थी। उन्होंने कहा था कि पुलिस जांच धीमी थी और आरोपियों को बचाने की कोशिश भी की गई थी। इसके अलावा उन्होंने कोर्ट में यह तर्क भी दिया था कि दंगों के दौरान स्थिति असाधारण थी। इसलिए, इन मामलों को इसी संदर्भ में निपटाया जाना चाहिए।
साभार : दैनिक जागरण
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