चेन्नई. तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन हो गया है। इसका एलान चेन्नई दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया है। चेन्नई में एआईएडीएमके नेता ई. के. पलानीस्वामी के साथ प्रेसवार्ता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘आज एआईएडीएमके और भाजपा के नेताओं ने मिलकर तय किया है कि आने वाला तमिलनाडु विधानसभा चुनाव एआईएडीएके, भाजपा और सभी साथी दल मिलकर एनडीए के रूप में एक साथ लड़ेंगे।’
विपक्ष पर अमित शाह ने लगाए आरोप
इस दौरान अमित शाह ने कहा- एनईईटी और परिसीमन का मुद्दा ये (विपक्ष) लोग ध्यान भटकाने के लिए खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा- अन्नाद्रमुक की कोई शर्त और मांग नहीं है… अन्नाद्रमुक के आंतरिक मामलों में हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होगा… यह गठबंधन एनडीए और अन्नाद्रमुक दोनों के लिए फायदेमंद होने वाला है।
पलानीस्वामी के नेतृत्व में लडे़ंगे चुनाव- अमित शाह
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए गठबंधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘ये चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी के नेतृत्व में और राज्य स्तर पर एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़े जाएंगे’।
डीएमके से जवाब चाहती है जनता- अमित शाह
इस दौरान अमित शाह ने कहा, ‘हम जनता के असली मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएंगे और मैं मानता हूं कि तमिलनाडु की जनता असली मुद्दों को जानती है और डीएमके से जवाब भी चाहती है।’
तमिलनाडु में सरकार बनाएगी एनडीए- अमित शाह
पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रहने के बाद भाजपा तमिलनाडु में अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए उत्सुक है। वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने का विश्वास भी जताया और कहा कि एनडीए फिर से भारी बहुमत हासिल करेगा और तमिलनाडु में सरकार बनाएगा।
2023 में अन्नाद्रमुक ने भाजपा से तोड़ लिया था नाता
उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आगामी चुनावों में एनडीए फिर से भारी बहुमत हासिल करेगा और तमिलनाडु में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी।’ पिछले दो चुनावों- लोकसभा और पिछले विधानसभा चुनावों में अन्नाद्रमुक को मजबूत प्रदर्शन करने में संघर्ष करना पड़ा है। 2016 में जे. जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक ने भाजपा के साथ गठबंधन किया। 2021 के राज्य चुनावों के दौरान, अन्नाद्रमुक और भाजपा गठबंधन में थे, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा ने चार सीटें जीतीं। हालांकि, 2023 में अन्नाद्रमुक ने भाजपा से नाता तोड़ लिया।
साभार : अमर उजाला
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