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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर जताया शक, लगाई फटकार

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नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है। कोर्ट ने आगे जोर देते हुए कहा कि आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर को भेजना चाहिए था और सदन में चर्चा शुरू करनी चाहिए थी।। कोर्ट ने मामले पर आज दोपहर 2:30 बजे सुनवाई तय की।

भाजपा ने दिल्ली सरकार को घेरा

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा ने कहा कि मीडिया में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि दिल्ली सरकार द्वारा कैग रिपोर्ट को सदन में रखने में आनाकानी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। अब यह और भी स्पष्ट हो गया है कि स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है, केवल विकास कार्यों, पर्यावरण और जलभराव वाली सड़कों के मामले में ही नहीं, बल्कि संवैधानिक मामलों में भी। लगभग एक दर्जन कैग रिपोर्ट हैं, जिन्हें दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा में नहीं रखा है।11 जनवरी 2025 को, दिल्ली विधानसभा सचिव ने कहा कि रिपोर्ट को सदन में रखने का कोई फायदा नहीं है। हमारे 7 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूछा था कि कैग रिपोर्ट को विधानसभा में क्यों नहीं रखा जा रहा है। उनका (आप) अराजकतावादी चरित्र अब संवैधानिक संस्था और संवैधानिक प्रक्रियाओं में व्याप्त हो रहा है, जो सरकार के समुचित कामकाज के लिए बहुत जरूरी है।

दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने हाईकोर्ट में रखा तर्क

दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि फरवरी में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। अब कैग की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा। सचिवालय ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 14 रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किए जाने के मामले में सीएजी रिपोर्ट पेश करने के मुद्दे पर सात भाजपा विधायकों की याचिका के जवाब में कही है।

सचिवालय ने कहा कि संविधान के तहत सदन का संरक्षक होने के नाते विधानसभा की बैठक बुलाने का स्पीकर का विवेकाधिकार उसके आंतरिक कामकाज का हिस्सा है। यह किसी भी न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर है। अब विधानमंडल की उत्तराधिकारी लोक लेखा समिति (पीएसी) कानूनी ढांचे के अनुसार रिपोर्टों की जांच कर सकती है, जिसका चुनाव आगामी चुनावों के बाद अगली विधानसभा करेगी। वहीं दूसरी ओर हालही में उपराज्यपाल ने अपने जवाब में कहा था कि हाईकोर्ट को स्पीकर से तुरंत रिपोर्ट सदन के समक्ष पेश करने का निर्देश देने का अधिकार है। उन्होंने ऑडिट रिपोर्ट पेश करने में असाधारण देरी की ओर इशारा किया।

हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली के लोग विधानसभा में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से सीएजी रिपोर्ट तक पहुंच पाने के हकदार हैं। इसलिए कोर्ट मुख्यमंत्री और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को तुरंत एक-दूसरे से परामर्श करने और सदन को फिर से बुलाने के निर्देश जारी करें। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार बाजपेयी और जितेंद्र महाजन ने गत वर्ष याचिका दाखिल कर कहा था कि एक मामले में पारित आदेश के बावजूद स्पीकर को आगे की कार्रवाई के लिए सीएजी की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।

भाजपा अपने दफ्तर में तैयार कागज को कैग रिपोर्ट बता रही: आप

आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर फर्जी कैग रिपोर्ट दिखाने का आरोप लगाया है। आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने पार्टी मुख्यालय में शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि भाजपा सीएम चेहरा और एजेंडा बताने की जगह अपने दफ्तर में तैयार कागज को कैग रिपोर्ट बता रही है, जबकि कैग रिपोर्ट दिल्ली की सीएम, एलजी या विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक नहीं देखी है।

अगर भाजपा को चर्चा करनी है तो असली कैग रिपोर्ट पर करे, जो केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में बनाए गए द्वारका एक्सप्रेसवे और आयुष्मान भारत योजना समेत अन्य के लिए आई है। आप का दावा है कि दिल्ली सरकार ने मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं की बस यात्रा, बुजुर्गों की तीर्थयात्रा, शिक्षा व स्वास्थ्य देने के बाद भी दिल्ली को बजट मुनाफे का दिया है। आप पर भाजपा निराधार आरोप लगा रही है। यह रिपोर्ट अभी तक सीएजी की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इन कागजों की कोई मान्यता नहीं है। भाजपा नकली रिपोर्ट बनाती है और उन पर आरोप लगाकर भाग जाती है।

दिल्ली में भ्रष्टाचार के लिए आप-भाजपा जिम्मेदार : कांग्रेस

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव आलोक शर्मा ने शनिवार को कहा कि 11 वर्षों के कुशासन ने दिल्ली को भ्रष्टाचार और अपराध की राजधानी बना दिया। इसके लिए आम आदमी पार्टी और केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर सत्ता में आई आप खुद कैग रिपोर्ट सदन में नहीं पेश कर रही है। आलोक शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि दिल्ली के 65 विधायकों पर आपराधिक और भ्रष्टाचार में शामिल होने की रिपोर्ट है। इसमें आप के 58 व भाजपा के 7 विधायक शामिल हैं। जबकि केजरीवाल कहते थे कि एक भी दागी को टिकट नही दूंगा। कोई भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाएगा तो इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन एक के साथ एक मुफ्त शराब की बोतल देने के भ्रष्टाचार में स्वयं 174 दिन जेल में रहे।

साभार : अमर उजाला

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