पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को आईआरसीटीसी घोटाला ( IRCTC Scam ) मामले में बड़ा झटका लगा है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने आरोप तय करते हुए कहा कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई। लालू यादव के परिवार को इसका फायदा हुआ। राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव को बेहद कम दाम पर जमीन मिली थी।
दिल्ली की एवेन्यू कोर्ट ने अदालत में मौजूद लालू यादव ने कहा कि आपने रेल मंत्री रहते हुए सरकारी पद का दुरुपयोग किया। आपने अपने पद का फायदा उठाया और कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में हेरफेर किया गया। क्या आप आरोप स्वीकार करते हैं। इस पर लालू यादव ने कहा कि वह आरोपों को स्वीकार नहीं करते हैं। बता दें, आईआरसीटी घोटाला, लैंड फॉर जॉब घोटाले से अलग हैं।
लालू, राबड़ी और तेजस्वी सहित 14 आरोपी
इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सुनवाई के लिए लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव तीनों कोर्ट पहुंचे। सीबीआई ने इस मामले में मामला दर्ज कर केस चलाने के लिए कोर्ट में एक नई चार्जशीट दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा कि टेंडर प्रक्रिया में लालू यादव ने दखलअंदाजी की थी।
क्या है आईआरसीटीसी घोटाला?
आईआरसीटीसी घोटाला में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटा तेजस्वी यादव सहित कई लोगों पर आरोप है। ये घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक भारत के रेल मंत्री थे। उस दौरान आईआरसीटीसी ने दो होटलों के रखरखाव का टेंडर निकाला था। आरोप है कि टेंडर में छेड़छाड़ कर लालू यादव ने होटल के रखरखाव और संचालन का ठेका सुबोध कुमार सिन्हा नामक एक व्यवसायी की कंपनी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिलाया था। आरोप है कि इसके बदले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को पटना में कीमती जमीनें बेहद सस्ते दामों पर दी गईं।
साभार : नवभारत टाइम्स
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