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अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम में मदद करने के आरोप में भारतीय कंपनी पर लगाया प्रतिबंध

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वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार फिर से बड़ा फैसला लिया है. इस बार फिर से भारत उनके निशाने पर रहा. रूसी तेल को लेकर वो पहले से ही भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा चुके हैं.  रूसी तेल कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है. अमेरिका ने ये तक धमकी दे दी कि जो भी देश या कंपनी रूसी तेल खरीदेगा, उनपर प्रतिबंध लगाया जाएगा. अमेरिका की धमकी के बाद भारत की तेल रिफाइनरी कंपनियों ने रूसी तेल से दूरी बना ली, लेकिन एक के बार फिर से अमेरिका ने भारत समेत 7 देशों की 32 कंपनियों पर बैन लगा दिया है.

32 कंपनियों पर बैन

अमेरिका ने बुधवार को भारत, चीन समेत 7 देशों की 32 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया. ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में मदद पहुंचाने के आरोप में अमेरिका ने ये एक्शन लिया है. ईरान की ओर से अपनी परमाणु प्रतिबंद्धताओं के गंभीर उल्लंघन के बाद अमेरिका ने यह एक्शन लिया है. जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया, उसमें भारत की फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है. इस कंपनी पर आरोप है कि उसने यूएई स्थित एक फर्म के साथ मिलकर सोडियम क्लोरेट और सोडियम परक्लोरेट जैसी सामग्रियों की आपूर्ति में मदद की थी. भारत के अलावा ईरान, चीन, हांगकांग, यूएई और तुर्किये की कंपनियां शामिल है.

इस बार अमेरिका ने क्यों लगाया प्रतिबंध

अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और यूएवी प्रोग्राम से जुड़े इंटरनेशनल नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है. ईरान पर परमाणु हथियार बनाने का प्रतिबंध है. उसने प्रतिबंधों का उल्लघंन करते हुए परमाणु कार्यक्रम बढ़ाने की कोशिश की. अमेरिकी वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ईरान दुनियाभर की वित्तीय प्रणालियों का दुरुपयोग करके मनी लांड्रिंग कर रहा है, परमाणु व पारंपरिक हथियार कार्यक्रमों के लिए मशीन और पुर्जे खरीद रहा है. इसे लेकर अमेरिका ने उन कंपनियों और व्यक्तियों पर कार्रवाई की है, जिनपर ईरान को सहयोग पहुंचाने का आरोप लगा है. इसमें भारत की कंपनी फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है. अमेरिका ने भारत की इस कंपनी का संबंध यूएई की मार्को क्लिंगे नाम की कंपनी से जोड़ा. इस कंपनी पर कथित तौर पर आरोप लगा है कि उसने सोडियम क्लोरेट और सोडियम परक्लोरेट खरीदने में मदद की थी.  ईरान को  भारत के अलावा  ईरान, चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये की कंपनियां शामिल है.

साभार : जी न्यूज

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