राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (15 जुलाई, 2025) ओडिशा के कटक में आदिकवि सरला दास की जयंती समारोह में भाग लिया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान को कलिंग रत्न पुरस्कार-2024 प्रदान किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने आदिकवि सरला दास को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आदिकवि सरला दास ने महाभारत लिखकर भारतीय साहित्य को समृद्ध किया। उन्होंने महान कवि की जयंती मनाने और विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए ‘सरला साहित्य संसद’ की प्रशंसा की।
राष्ट्रपति ने श्री धर्मेंद्र प्रधान को कलिंग रत्न पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई दी। उन्होंने श्री बिजय नाइक को भी बधाई दी, जिन्हें साहित्यिक पुरस्कार ‘सरला सम्मान’ प्रदान किया गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी विविधता इंद्रधनुष की तरह है। हमारी एकता सदियों से बहुत मजबूत रही है। हमारी भाषाएं अनेक हैं, लेकिन भावनाएं एक हैं। विश्व इस बात से आश्चर्यचकित है कि भारत इतनी सारी भाषाओं और धर्मों के बावजूद किस प्रकार एकजुट और एकीकृत बना हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय भाषाओं ने भारतीय शैक्षिक परंपरा को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह प्रसन्नता की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा बच्चों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि हमें मातृभाषा के अलावा अन्य भाषाएं भी सीखनी चाहिए।
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