मुंबई. उत्पादन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से भारत का स्मार्टफोन निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार, निर्यात में अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल सबसे आगे रही है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 64,500 करोड़ रुपये था, यानी स्मार्टफोन निर्यात में सालाना आधार पर करीब 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो अमेरिकी टैरिफ में बढ़ोतरी के बावजूद हासिल की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग साझेदार टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन ने कुल निर्यात में लगभग 75 प्रतिशत का योगदान दिया है। वहीं सैमसंग और मोटोरोला जैसी कंपनियों ने भी अमेरिका को निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, हालांकि उनकी रफ्तार एप्पल की तुलना में धीमी रही है। चीन और वियतनाम के साथ भारत अब वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। कंपनियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने के लिए भारत में निवेश बढ़ा रही हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब 300 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स सक्रिय हैं, जबकि 2014 में इनकी संख्या केवल दो थी। वहीं, 2014 में जहां 26% मोबाइल फोन भारत में बनते थे, अब यह आंकड़ा 99.2% तक पहुंच चुका है।
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