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भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने BRICS+ फ़ैशन शिखर सम्मेलन में अपनी छाप छोड़ी

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नई दिल्ली, दिल्ली, भारत

अगस्त के आखिर में, मॉस्को ने BRICS+ फ़ैशन शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की – जो उभरते क्षेत्रों के लिए सबसे प्रभावशाली अंतर्राष्ट्रीय मंचों में से एक है। BRICS समूह का एक प्रमुख सदस्य और दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक, भारत ने फ़ैशन को एक प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक प्रेरक के तौर पर मान्यता दी है। भारत ने अपनी फ़ैशन उपलब्धियों को प्रदर्शित करने, जानकारियां शेयर करने और BRICS देशों व अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ सहयोग को मज़बूत करने के लिए इस शिखर सम्मेलन में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भेजा।

ब्रिक्स+ फैशन सम्मिट में एशिया क्षेत्रीय सत्र

फ़ैशन डिज़ाइन काउंसिल ऑफ़ इंडिया (FDCI) के अध्यक्ष और प्रतिष्ठित BoF 500 लिस्ट के मेंबर, Sunil Sethi ने इस पार्टनरशिप पर विचार व्यक्त किया।

BRICS+ फ़ैशन शिखर सम्मेलन का नया एडिशन भारत और रूस तथा सभी भागीदार देशों के बीच जीवंत और बढ़ते संवाद का प्रमाण है। ये मंच संवाद से कार्रवाई की ओर बढ़ने के लिए ज़रूरी साबित हुआ है — FDCI के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल लगातार तीसरी बार मॉस्को लौटा है — और हर बार हम आपसी विकास के अवसरों की तलाश करते हैं।  हम पहले ही कई सफ़ल भारत-रूस डिज़ाइनर आदान-प्रदान कर चुके हैं और शिखर सम्मेलन में इंडस्ट्री के भविष्य के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण पर चर्चा जारी रखते हैं। ये मज़बूत होते रिश्ते इस बात का एक सशक्त उदाहरण हैं कि कैसे दोनों देश मिलकर फ़ैशन इंडस्ट्री के भविष्य की दिशा तय कर सकते हैं और एक ज़्यादा विविध और लचीली वैश्विक फ़ैशन अर्थव्यवस्था को आकार दे सकते हैं।

शिक्षा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए, पर्ल अकादमी के डीन, Antonio Maurizio Grioli ने शिखर सम्मेलन सेशन में भाग लिया और भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलावों के बारे में बात की: “मैं पिछले 10 वर्षों से भारत में हूं और शिक्षा में एक अह बदलाव आया है। जब मैं पहली बा भारत आया थातब यहां ब्रिटिश सिस्टम का पालन होता थालेकिन बाद में भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा के मूल्यों को मज़बू करने का फ़ैसला लिया।  मैं इस नई एजुकेशन पॉलिसी का हिस्सा था हमने ब्लॉक्स बनाएजिनमें से 80 प्रतिशत ब्लॉक उस ख़ास कार्यक्रम के बारे में जानकारी के लि समर्पित थे जिसमें स्टूडेंट स्टडी करेंगे, 10 प्रतिशत लाइफ़ स्किल्स पर केंद्रित थेऔर बाकी 10 प्रतिशत टेक्नोलॉजी पर। भारत में एक और अह पहलू हैक्राफ़्ट। मैं क्राफ़् को एक ऐसी चीज़ मानता हूं जिसे हमें बनाए रखने और सपोर्ट करने का तरीका ढूंढना चाहिए।

शिखर सम्मेलन के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक “रीजनल सेशन: एशिया” था, जिसमें भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया के प्रतिनिधियों ने क्षेत्र के फ़ैशन इकोसिस्टम के विकास, स्थायी प्रथाओं और एशिया की वैश्विक उपस्थिति को आकार देने वाले नए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। The Word Magazine की प्रधान संपादक Nandini Bhalla ने भारत के समकालीन फ़ैशन मार्केट पर अपने विचार शेयर किए: “भारत एक बहुत ही युवा बाज़ार है – हमारे देश की 65% आबादी वाकई में 35 वर्ष से कम उम्र की है। भारत इस समय सबसे तेज़ी से बढ़ता फ़ैशन मार्केट है। यहां लगभग 500 मिलियन सोशल मीडिया यूज़र्स हैंजिसका मतलब है कि हमारा डायरेक्टटूकस्टमर बजट बहुत ऊंचा है।  भारत अभी पूर्व और श्चिम के बीच एक अद्भुत चौराहे पर हैजहां हम अपनी कला से प्यार करते हैं और हम उस सुंदरता से प्यार करते हैं जो हमने दुनिया में लाई हैफ़िर भी हम कुंए के मेंढक नहीं हैं।

मॉस्को फ़ैशन वीक के दौरान, जो शिखर सम्मेलन के साथ-साथ चली, सुप्रसिद्ध डिज़ाइनर Shantnu और Nikhil Mehra ने अपना कलेक्शन प्रस्तुत किया। ये ब्रांड Shantnu & Nikhil शाही शैली और आधुनिक विलासिता के मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है, और इसके नए कलेक्शन Armouré ने 1930 के दशक के ग्लैमर को पुनर्जागरण से प्रेरित सिल्हूट के साथ जोड़ा – कोर्सेट इन्सर्ट वाले इवनिंग गाउन्स, शाही हेम की याद दिलाने वाले डेकोरेटिव पेप्लम, ओपनवर्क बुनाई, सजावटी हेम, रफ़ल्स, टेक्सचर्ड केप्स और शानदार फ़ुंदे।

Nikhil और Shantnu Mehra ने कहा, “रूस में इतने महत्वपूर्ण आयोजन में अपनी शुरुआत करना, जहां उद्योग जगत के प्रमुख खिलाड़ी एक साथ आ रहे हैं, हमारे लिए बेहद ज़रूरी है।” “ये अवसर न सिर्फ़ हमें अपना नया कलेक्शन प्रस्तुत करने का अवसर देगा, बल्कि इस क्षेत्र में हमारी एक लॉन्ग-टर्म मौजूदगी की नींव भी रखेगा।”

नई दिल्ली स्थित खुद के नाम वाले फ़ैशन हाउस के डिज़ाइनर Pawan Sachedeva ने भी अपने लेटेस्ट कलेक्शन का प्रदर्शन किया और समिट के बिज़नेस प्रोग्राम में भाग लिया।  Pawan Sachedeva ने कहा, “मैं पहली बार BRICS+ फ़ैशन समिट में भाग लेने जा रहा था और मुझे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और परिधान उद्योग में बढ़ते आपसी प्रभाव को लेकर बड़ी उम्मीदें थीं।” उन्होंने आगे कहा, “मेरा मुख्य उद्देश्य क्रिएटिविटी, फ़ंक्शनैलिटी, और बाज़ार की प्रासंगिकता पर केंद्रित है। इस तरह के आयोजन फ़ैशन इंडस्ट्री में विभिन्न संस्कृतियों के आदान-प्रदान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं।

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