नई दिल्ली. मीडिया से बात करते हुए ISRO अध्यक्ष वी.नारायणनन ने साफ किया कि सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दे दी है. यह मिशन चांद के नमूने धरती पर वापस लाएगा. यह अब तक का सबसे मुश्किल चंद्र मिशन(Moon Mission)होने की उम्मीद है. नारायणनन ने कहा, हम चंद्रयान-4 के लिए 2028 का लक्ष्य रख रहे हैं. चांद से नमूने वापस लाने का काम अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ही कर पाए हैं. इस मिशन से भारत भी इस खास लिस्ट में शामिल हो जाएगा.
क्या होगी इसकी तैयारी?
अंतरिक्ष मिशनों की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ISRO अगले 3 सालों में अपने वार्षिक अंतरिक्ष यान उत्पादन(Annua Spacecraft Production)को 3 गुना ज्यादा करने की योजना बना रहा है. यह बड़ा कदम ISRO में विज्ञान, तकनीक और उद्योग की ताकत बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है. इस बड़े लक्ष्य से पता चलता है कि ISRO दुनिया के स्पेस एक्स्प्लोरेशन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है.
भारत का अंतरिक्ष स्टेशन
ISRO ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भी काम शुरू कर दिया है जिसके 2035 तक पूरा होने की उम्मीद है. ISRO चीफ V.Narayanan ने बताया कि, स्टेशन के 5 हिस्सों में से पहला हिस्सा 2028 तक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित हो जाएगा. यह एक बड़ा लक्ष्य है जो भारत को अमेरिका और चीन के बाद अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन चलाने वाली तीसरा देश बन जाएगा.
क्या है गगनयान मिशन पर अपडेट?
भारत के पहले मानव-अंतरिक्ष यान मिशन Gaganyaan पर ISRO अध्यक्ष ने साफ किया है कि मानवरहित मिशनों का कार्यक्रम बदला है. नारायणनन ने साफ किया कि, मानवरहित मिशन का लक्ष्य 2025 था लेकिन मानवयुक्त मिशन का लक्ष्य हमेशा ही 2027 के लिए बनाया गया था और उसी तारीख पर कायम है.
चंद्रमा पर भी उतरेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO से एक बड़ा लक्ष्य हासिल करने को कहा जिसमें 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजना और उन्हें सुरक्षित वापस लाना शामिल है. भारत की यह लंबी अवधि की मानव-अंतरिक्ष उड़ान योजना अब अमेरिका और चीन जैसे अन्य अंतरिक्ष देशों की योजनाओं से मिलती है.
साभार : जी न्यूज
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