भोपाल. इंदौर की कम होती हरियाली और बिगड़ते पर्यावरण पर आयोजित एक कार्यक्रम में जनहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जैन ने अपने विचार रखें। उन्होंने बताया कि पर्यावरण विनाश के लिए सरकार की उपभोक्तावादी और उद्योग, व्यापार, संपत्ति का कुछ स्थान और कुछ व्यक्तियों के पास केंद्रीकरण की पूंजीवादी और उपभोगवादी नीतियां जिम्मेदार है।
इससे मुकाबला करने के लिए हमें अपने व्यक्तिगत जीवन में सादगी, सामाजिक आयोजनों में पर्यावरण केंद्रित व्यवस्थाएं और शासन की नीतियों में शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, उद्योग, धन-संपत्ति का विकेंद्रीकरण कर भारतीय विचार प्रणाली को अपनाने पर बल देना होगा। जिसमें व्यक्ति – समाज – प्रकृति तथा परमेष्ठी में सामान्जस्य बिठाने वाली विचार प्रणाली द्वारा, जीवन की सभी व्यवस्थाओं का निर्माण करना होता है।
अभी तो पश्चिम द्वारा उधार ली गई विचार प्रणाली जो व्यक्ति, समाज और प्रकृति में संघर्ष पर आधारित है और इससे पर्यावरण का विनाश निश्चित है और वह दिख भी रहा है। दुनिया की पूरी आबादी की इच्छाओं की पूर्ति के संसाधन के लिए तो यह धरती कम ही पड़ जाएगी। विकेंद्रित व्यवस्था तथा संयमित उपभोग ही इसका समाधान है।
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