रविवार, दिसंबर 07 2025 | 01:12:22 AM
Breaking News
Home / राज्य / महाराष्ट्र / महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में भिड़े विधायकों के समर्थक

महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में भिड़े विधायकों के समर्थक

Follow us on:

मुंबई. महाराष्ट्र विधानमंडल सत्र के दौरान बुधवार को विधान भवन परिसर में उस समय हंगामा मच गया जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड और भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थक आपस में भिड़ गए. इस झड़प में आव्हाड गुट के कार्यकर्ता नितिन देशमुख के साथ मारपीट की गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. घटना के बाद जितेंद्र आव्हाड ने गंभीर आरोप लगाए कि “उन्हें मारने के लिए गुंडे विधान भवन में भेजे गए थे.” उन्होंने कहा कि यदि विधायक खुद विधानमंडल में सुरक्षित नहीं हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए चिंताजनक स्थिति है.

इस घटना को लेकर राज्य की सियासत गर्मा गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, विधान भवन परिसर में इस प्रकार की घटना बिल्कुल अस्वीकार्य है. यह एक संवैधानिक स्थल है, जहां माननीय सदस्य और सभापति आते हैं. इस तरह की घटनाएं इसकी गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं. फडणवीस ने आगे कहा, मैंने विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति दोनों से अपील की है कि इस घटना की गंभीरता से जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। ऐसे मामलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

विधानसभा अध्यक्ष को दी गई जानकारी

जितेंद्र आव्हाड ने घटना के तुरंत बाद विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और सुरक्षा मानकों को मजबूत किया जाए. घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने कहा कि, घटना की जानकारी मुझे भी मिली है. चंद्रशेखर बावनकुले जी ने बुलाया है, मैं उन्हें रिपोर्ट दूंगा. पडलकर ने यह स्वीकार किया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति उनके समर्थक हैं, लेकिन उन्होंने इस पूरे विवाद को “खत्म हुआ मामला” बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंप दी है. पडलकर ने कहा, मुझे जिस व्यक्ति ने गाली दी, उसका नाम नितिन देशमुख है और वह ठाणे शहर का कार्यकर्ता बताया जा रहा है. मैं उसे जानता नहीं हूं, लेकिन मैंने इस पूरे मामले की जानकारी अध्यक्ष जी को दे दी है.

राज्य में मचा सियासी घमासान

घटना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और कहा कि “अगर विधायकों की सुरक्षा खुद विधानमंडल में खतरे में है, तो लोकतंत्र की नींव डगमगाने लगेगी.” विधान भवन जैसी संवेदनशील जगह पर हुई इस घटना को लेकर अब सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष की ओर हैं कि वह इस पर क्या कदम उठाते हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

अजित पवार ने खुलेआम मतदाताओं को उन्हें वोट न देने पर दी फंड न देने की धमकी

मुंबई. महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार के मालेगांव में पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान …