सोमवार, फ़रवरी 17 2025 | 06:57:15 PM
Breaking News
Home / खेल / भारत की महिला और पुरुष दोनों टीमों ने जीता पहला खो-खो विश्व कप

भारत की महिला और पुरुष दोनों टीमों ने जीता पहला खो-खो विश्व कप

Follow us on:

नई दिल्ली. भारत की मेंस और विमेंस टीम ने खो-खो का पहला वर्ल्ड कप जीत लिया है। रविवार को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में दोनों कैटेगरी के फाइनल खेले गए। विमेंस टीम ने नेपाल को 78-40 के बड़े अंतर से हराया। वहीं मेंस टीम ने भी नेपाल को ही हराया, लेकिन अंतर 54-36 का रहा। खो-खो वर्ल्ड कप 13 से 19 जनवरी तक नई दिल्ली में खेला गया। भारत की दोनों टीमें टूर्नामेंट में अजेय रहीं। जबकि नेपाल की दोनों टीमों को भारत के खिलाफ ही हार का सामना करना पड़ा। चैंपियन बनने के बाद भारत की दोनों टीमों ने तिरंगे के साथ विक्ट्री लैप लगाया।

शुरुआती 2 पारियों में आगे रहा भारत

मेंस फाइनल में नेपाल ने टॉस जीतकर डिफेंस चुना। पहली पारी में भारत ने 26 पॉइंट्स हासिल किए, जबकि नेपाल को एक भी पॉइंट नहीं मिला। टीम इंडिया नेपाल को एक बार ऑलआउट करने में भी कामयाब रही। भारत ने पहली पारी में 26-0 की बढ़त ली। दूसरी पारी में नेपाल ने चेज किया और टीम ने 18 पॉइंट्स बटोरे। हाफ टाइम के बाद स्कोर 26-18 से भारत के पक्ष में रहा।

तीसरी पारी में भी नेपाल ऑलआउट

तीसरी पारी में भारत ने 28 पॉइंट्स हासिल किए। नेपाल की टीम 4 मिनट के अंदर ही ऑलआउट हो गई, टीम एक भी ड्रीम रन नहीं बना सकी। तीसरे टर्न के बाद भारत ने 54-18 के अंतर से बढ़त बनाए रखी। चौथे टर्न में भी नेपाल की टीम 18 ही पॉइंट्स ले सकी और भारत ने 54-36 के अंतर से वर्ल्ड कप जीत लिया।

विमेंस टीम इंडिया ने भी चेज से शुरुआत की

रविवार शाम 6 बजे विमेंस खो-खो वर्ल्ड कप का फाइनल शुरू हुआ। नेपाल ने टॉस जीतकर डिफेंस करना चुना। भारत ने पहली पारी में एकतरफा दबदबा दिखाया और 34 पॉइंट्स हासिल किए। दूसरी पारी में नेपाल ने चेज किया और 24 पॉइंट्स बटोरे, इस टर्न में भारत को भी एक पॉइंट मिल गया। हाफ टाइम के बाद भारत ने 35-24 के अंतर से बढ़त बनाए रखी।

चारों पारियों में दिखा भारत का दबदबा

तीसरी पारी में भारत ने बढ़त का अंतर और भी ज्यादा कर लिया। टीम ने इस टर्न में 38 पॉइंट्स बटोरे और स्कोर 73-24 से अपने हक में कर लिया। चौथी और आखिरी पारी में नेपाल 16 ही पॉइंट्स बटोर पाई, जबकि भारत ने 5 पॉइंट्स हासिल कर लिए। 78-40 की स्कोर लाइन के साथ फाइनल खत्म हुआ और इंडिया विमेंस टीम पहले वर्ल्ड कप की चैंपियन बन गई।

19 टीमों में अजेय रही

विमेंस ग्रुप में 19 टीमों ने हिस्सा लिया। इंडिया विमेंस ग्रुप-ए में ईरान, मलेशिया और साउथ कोरिया के साथ थी। टीम ने साउथ कोरिया को 176-18, ईरान को 100-16 और मलेशिया को 100-20 के बहुत बड़े अंतर से हराया। टीम ने ग्रुप स्टेज में टॉप कर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। क्वार्टर फाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 109-16 के अंतर से हराया। वहीं सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 66-16 से मुकाबला जीता। फाइनल में भी इंडिया विमेंस का दबदबा दिखा और टीम ने 78-40 के अंतर से मुकाबला जीत लिया। पूरे टूर्नामेंट में नेपाल इकलौती ऐसी टीम रही, जिसने भारत के खिलाफ हार का अंतर 50 से कम पॉइंट्स का रखा।

मेंस टीम भी टूर्नामेंट में नहीं हारी

मेंस इवेंट में 20 टीमों ने हिस्सा लिया। भारत के ग्रुप में पेरु, ब्राजील, भूटान और नेपाल थी। टीम ने नेपाल को 42-37, ब्राजील को 66-34, पेरु को 70-38 और भूटान को 71-34 के अंतर से हराया। क्वार्टर फाइनल में भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 100-40 के अंतर से जीत दर्ज की। वहीं, टीम ने सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को 62-42 से हराया। नेपाल को टूर्नामेंट में 2 ही हार मिली, दोनों बार टीम को भारत ने हराया। पहले ग्रुप स्टेज में करीबी अंतर से, फिर फाइनल में बड़े अंतर से। नेपाल ने क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश और सेमीफाइनल में ईरान को हराया था। टीम ने ग्रुप स्टेज में भी 3 मैच जीते थे।

खो-खो वर्ल्ड कप जीतने वाली भारत की टीमें

विमेंस टीम: प्रियंका इंग्ले (कप्तान), अश्विनी शिंदे, रेश्मा राठौड़, भिलार देवजीभाई, निर्मला भाटी, नीता देवी, आर चैथरा, सुभश्री सिंह, मगाई माझी, अंशु कुमारी, वैष्णवी बजरंग, नसरीन शेख, मीनु, मोनिका, नाजिया बीबी

मेंस टीम: प्रतीक वैकर (कप्तान), प्रबानी साबर, मेहुल, सचिन भार्गो, सुयाश गार्गटे, रामजी कश्यप, शिवा पोथिर रेड्डी, आदित्य गनपुले, एमके गौथम, बी निखिल, आकाश कुमार, वी सुब्रमनी, सुमन बरमन, अनिकेत पोते, रोकेसन सिंह।

खो-खो का खेल क्या है?

खो-खो के एक गेम में 2 टीमें हिस्सा लेती हैं। दोनों में 12-12 प्लेयर्स का स्क्वॉड रहता है, चेज करते समय 7 खिलाड़ियों खेलते हैं, वहीं डिफेंस के दौरान सभी 12 प्लेयर खेलते हैं। दोनों टीमों को 7-7 मिनट की 2 पारियां मिलती हैं। यानी मैच में कुल 4 पारियां होती हैं। पहली और तीसरी पारी के बाद 5-5 मिनट का ब्रेक होता है, वहीं दूसरी पारी यानी हाफ टाइम के बाद 10 मिनट का ब्रेक लेते हैं। चौथी पारी के बाद मैच खत्म हो जाता है।

वर्ल्ड कप में क्या है खो-खो के नियम?

खो-खो रेक्टेंगल शेप की 22*16 मीटर फील्ड पर खेला जाता है। दोनों एंड पर एक-एक खंभा होता है, जो बाउंड्री का काम करता है। मैच से पहले टॉस जीतने वाली टीम चेज या डिफेंस करना चुनती है। बिलकुल उसी तरह जैसे टेस्ट क्रिकेट में पहली पारी खेलने के लिए टॉस जीतने वाली टीम बैटिंग या बॉलिंग चुनती है। पहली पारी में चेज करने वाली टीम के 6 खिलाड़ी एक-दूसरे से अपोजिट डायरेक्शन में मुंह करके बैठ जाते हैं। वहीं 7वां खिलाड़ी डिफेंस कर रही टीम के खिलाड़ियों को छूने के लिए उनका पीछा करता है। डिफेंस टीम के 3 ही खिलाड़ी एक समय पर फील्ड पर मौजूद रहते हैं। चेजिंग टीम का खिलाड़ी अपने साथियों को पीठ पर हाथ लगाते हुए ‘खो’ कहता है। जिसके बाद बैठा हुआ खिलाड़ी दौड़ने लगता है और खो कहने वाला प्लेयर बैठ जाता है।

साभार : दैनिक भास्कर

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

 

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह चैंपियन ट्रॉफी से हो सकते हैं बाहर

नई दिल्ली. चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे टीम इंडिया की टेंशन बढ़ती …