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पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भी उठी आजादी की मांग

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इस्लामाबाद.बलूचिस्तान के बाद अब पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी आजादी की मांग जोर पकड़ने लगी है। सिंध को अलग देश बनाने की मांग करने वाली एक राजनीतिक समूह जय सिंध फ्रीडम मूवमेंड (JSFM) ने शुक्रवार को पाकिस्तान में एक राजमार्ग पर शांतिपूर्ण धरना दिया। इस दौरान लापता और जेल में बंद सिंधी राष्ट्रवादियों की रिहाई की मांग की गई। सिंधु देश की वकालत करने वाले समूह ने सिंध और बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों, अवैध हिरासत और मानवाधिकारों के हनन पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने की मांग की।

सिंधी राष्ट्रवादियों की रिहाई की मांग

जेएसएफएम के अध्यक्ष सोहेल अब्रो, जुबैर और अमर आजादी समेत नेताओं ने जाहिद चन्ना, सज्जाद चन्ना, अदनान बलूच और शाहिद सूमरो को तत्काल रिहा करने को कहा। यह भी मांग की गई कि उनके खिलाफ झूठे आरोप वापस लिए जाएं और सभी जबरन गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा किया जाए। सामूहिक बयान में कहा गया, यह शांतिपूर्ण धरना हमारे राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं की गैरकानूनी गिरफ्तारियों, जेलों में हो रहे दुर्व्यवहार और जबरन गायब किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन है।

जेलों का गेट बंद करने की दी धमकी

इसमें आगे कहा गया कि ‘हमारा प्रयास शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है और हम तब तक जारी रहेंगे जब तक हमारे लोग आजाद नहीं हो जाते।’ इस दौरान जेलों में बंद राष्ट्रवादियों के साथ दुर्व्यवहार रोकने की चेतावनी दी और धमकी दी कि अगर यह जारी रहा तो वे जेल के मुख्य द्वार को बंद कर देंगे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉज जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी हस्तक्षेप की अपील की।

सिंध में आजादी की उठ रही मांग

पाकिस्तान के सिंध में लंबे समय से सिंधी पहचान और स्वायत्तता की मांग को लेकर संघर्ष चल रहा है। अब यह मांग आजादी की ओर जा रही है। सिंधियों का आरोप है कि पाकिस्तान की सरकार संस्थागत उत्पीड़न के माध्यम से सिंधी संस्कृति को मिटा रही है। साल 2022 में अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में सिंध में न्यायेतर हत्याओं और क्षत-विक्षत शवों की बरामदगी के व्यापक मामलों की ओर इशारा किया गया था। इस बीच हाल में बलूचिस्तान में इस सप्ताह पाकिस्तान से आजादी की घोषणा की गई है। इस घोषणा की जानकारी बलूच नेताओं ने सोशल मीडिया पर दी, जिसके बाद #RepublicOfBalochistan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

साभार : नवभारत टाइम्स

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