गांधीनगर. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुजरात राज्य सहकारी संघ द्वारा सहकारी महासम्मेलन- 2025 का आयोजन रविवार को अहमदाबाद में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित महानुभावों उपस्थित रहे । इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2025 को अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, वहीं सहकारिता का क्षेत्र आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना वर्ष 1900 में था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है ऐसे में ‘सहकार से समृद्धि’ तथा ‘विकसित भारत में सहकारिता की भूमिका’ के सूत्र को साकार करने के लिए गांवों में प्राथमिक सहकारी समितियों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने सहकारी संरचनाओं का दायरा बढ़ाने पर बल देते हुए कहा कि सहकारी क्षेत्र में जो परिवर्तन आए हैं, उन्हें गांवों और किसानों तक पहुंचाने के लिए सहकार प्रशिक्षण और पारदर्शिता जरूरी है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने ‘साइंस ऑफ़ को-ऑपरेशन व साइंस इन को-ऑपरेशन’ पर जोर देते हुए कहा कि आजादी के समय शुरू हुए सहकारिता आंदोलन का विकास होगा, हर राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियां मजबूत होंगी और गांव, जिले और राज्य का सहकारी ढांचा भी मजबूत बनेगा । उन्होंने तीन स्तरीय सहकारी ढांचे के स्थान पर चार स्तरीय सहकारी ढांचे की बात की तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी सहकारी ढांचे को मजबूत करने को कहा। उन्होंने सहकारिता को शासन का हिस्सा बनाकर पारदर्शिता और प्रमाणिकता के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता में सहकार का अर्थ है कि प्रत्येक ग्राम में सहकारी समिति का खाता सहकारी बैंक में होना आवश्यक है। उन्होंने पंचमहाल और बनासकांठा जिलों में इस दिशा में काफी अच्छा कार्य होने की बात पर बताते हुए डेयरी, एपीएमसी और सहकारी समितियों के खाते जिले की सहकारी बैंकों मे खुलवाने व सहकारी गतिविधियों को मजबूती प्रदान कर आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि गुजरात में त्रिभुवनभाई पटेल के नाम पर एक सहकारी यूनिवर्सिटी शुरू की गयी है, जिसके माध्यम से गुजरात सहकारी शिक्षा के क्षेत्र में लीड लेगा।
सहकारी ढांचे को मजबूत करने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2029 तक प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में पैक्स (PACS) को पंजीकृत करने तथा लगभग दो लाख प्राथमिक सहकारी समितियां शुरू करने की योजना है। इतना ही नहीं, यह समितियां बीमार न पड़े इसलिए इनके विकास के लिए नीति भी बनाई जाएगी। ये प्राथमिक सहकारी समितियां प्राकृतिक खेती की समझ भी प्रदान करेंगी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सहकारी महासम्मेलन में गौरवपूर्वक कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारतीय सेना ने अपने शौर्य-पराक्रम से तिरंगे की शान बढ़ाई है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना से लेकर सहकारिता तक छोटे से छोटे लोगों को साथ रखकर चलने की परंपरा शुरू की है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनके नेतृत्व में एक अलग सहकारिता मंत्रालय भी शुरू किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा सलामती के साथ-साथ सहकारिता के माध्यम से अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों की चिंता भी की है।
उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन हुआ है, जिसके आप सभी साक्षी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 89 हजार से अधिक सहकारी संस्थाएं के साथ लगभग 1.70 करोड़ सदस्य सहकारी ढांचे से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद देश को प्रथम सहकारी यूनिवर्सिटी की सौगात मिली है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को चरितार्थ करते हुए विकसित भारत @2047 के संकल्प को साकार करने के लिए साथ मिलकर आगे बढ़ने का अनुरोध किया।
इस हेतु विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कैच द रेन, एक पेड़ माँ के नाम, प्राकृतिक खेती, लोकल फॉर वोकल, स्वच्छता, स्वस्थ जीवन, देशदर्शन, पानी बचाओ, योग और खेलकूद का जीवन में स्थान, गरीबों को सहायता; ऐसे नौ संकल्प दिए हैं। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से परस्पर सहयोग, संगठन और शक्ति के साथ इसे चरितार्थ करने का आह्वान किया। इस अवसर पर उपस्थित सहकारिता राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है।
ऐसे में राज्य में भी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गांव का अंतिम छोर पर रहने वाला व्यक्ति भी भी गौरवपूर्ण जीवन जी सके इस हेतु राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जैसे अग्रणियों के नेतृत्व में गुजरात में सहकारिता की नींव रखी गई और उन्होंने राज्य के प्रत्येक किसान से ग्रामीण सहकारी समितियों के माध्यम से सहकारिता के इस अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंनें गुजरात को देश के सहकारी ढांचे में मॉडल स्टेट बनाने का भी अनुरोध किया।
गुजरात राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष घनश्यामभाई अमीन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘सहकार से समृद्धि’ के सूत्र को चरितार्थ करते हुए देश के सर्वप्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता क्षेत्र की कमियों को दूर कर राष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता नीति का गठन किया है। उनके प्रयासों से विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के गठन से किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने की योजना बनाई गई है। जिसके कारण आज के प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में सहकारी समितियां-पैक्स भी अब पारंपरिक कामकाज से आगे बढ़कर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों और पेट्रोल पंप जैसे व्यवसायों में संलग्न हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इसका सीधा लाभ समितियों के सदस्यों और किसानों को मिला है।
इस अवसर पर आईसीए (एशिया-पेसिफिक) के चेयरमैन चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि जब से देश में सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ है, तब से सहकारी संस्थाओं को नई ताकत और दिशा मिली है। जिससे लोगों का सहकारी क्षेत्र में विश्वास भी बढ़ा है। इसके अतिरिक्त, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के सशक्त निर्णयों से सहकारी संस्थाएं आगे बढ़ रही हैं। जिसके माध्यम से सबसे अंतिम छोर पर रहने वाले लोग भी सहयोग के माध्यम से विकास कर रहे हैं। इस महासम्मेलन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमितभाई शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता के क्षेत्र में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की भी जानकारी भी राज्य की सहकारी संस्थाओं दी गई। इस अवसर पर उपस्थित महानुभावों के करकमलों से सहकारिता क्षेत्र की मार्गदर्शिका ‘सहकार संकल्प’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में राज्य भर की विभिन्न सहकारी संस्थाओं को सहभागी बनाने के उद्देश्य से गुजरात राज्य सहकारी संघ द्वारा आयोजित इस सहकारी सम्मेलन में गांव, तालुका, जिला और राज्य स्तरीय विभिन्न सहकारी संस्थाओं के 4,500 से अधिक सहकारी अग्रणी और प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस महासम्मेलन में नेफेड के अध्यक्ष और विधानसभा के उपाध्यक्ष जेठाभाई भरवाड, जीएससी बैंक के अध्यक्ष अजयभाई पटेल, गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के अध्यक्ष शामलभाई पटेल, राज्यसभा सांसद नरहरिभाई अमीन, सहकारी अग्रणी डोलरराय कोटेचा, बिपिनभाई पटेल, जयेशभाई रादडिया, अरुणसिंह राणा, पूर्व मंत्री भूपेन्द्रसिंह चुडासमा, स्थानीय विधायक, अग्रणी और राज्य भर से आए सहकारी प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
Matribhumisamachar


