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ताइवान अमेरिका से खरीदेगा 5180 करोड़ रुपए से एयर डिफेंस सिस्टम

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ताइपे. चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच ताइवान ने अमेरिका से 500 मिलियन पाउंड (5180 करोड़ रुपये) का एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा है. इस मॉडर्न एयर डिफेंस सिस्टम को अमेरिकी कंपनी रेथियन ने बनाया है. इसे नेशनल एडवांस्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (NASAMS) कहा जाता है. NASAMS ताइवान को हवाई हमलों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों से बचाने में मदद करेगा. इस सिस्टम यह जमीन से ऑपरेट होता है और मीडियम रेंज के टारगेट पर हमला कर सकता है.

NASAMS मिलने के बाद ताइवान एशिया का तीसरा देश बन जाएगा, जिसके पास यह मॉडर्न टेक्नीक होगी. पहले यह सिस्टम ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में लगाया जा चुका है. इसकी कुल कीमत लगभग 700 मिलियन डॉलर यानी 530 मिलियन पाउंड है.

NASAMS की खासियत

NASAMS मिसाइलें 20 मील (32 किमी) की दूरी तक टारगेट पर हमले कर सकती हैं और 10 हजार से 50 हजार फीट की ऊंचाई में काम कर सकती हैं. इसके साथ ही इसमें शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की भी क्षमता है. यूक्रेन ने इसका इस्तेमाल रूस के खिलाफ किया था, जहां इसने 900 से अधिक हवाई हमलों को 94% सफलता के साथ रोका. ताइवान इस प्रणाली से उसी तरह सफलता पाने की उम्मीद कर रहा है.

ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन

चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और यहां नियंत्रण पाने के लिए सैन्य कार्रवाई भी कर सकता है. ताइवान में अमेरिका के प्रतिनिधि रेमंड ग्रीन ने कहा कि अमेरिका की ताइवान के प्रति प्रतिबद्धता मजबूत है. अमेरिका सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि काम से भी ताइवान की सुरक्षा का समर्थन कर रहा है. अमेरिका ताइवान की रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए औद्योगिक और तकनीकी सहयोग भी कर रहा है. यह परियोजना 2031 तक पूरी होने की उम्मीद है.

अमेरिका से सभी हथियार खरीदता है ताइवान

ताइवान की लगभग सभी रक्षा तकनीक अमेरिका से आती है. यह ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत संभव हुआ है. यह कानून दोनों देशों के बीच आधिकारिक न होने वाले संबंधों की अनुमति देता है, लेकिन सुरक्षा और रक्षा सहयोग सुनिश्चित करता है. NASAMS ताइवान की हवाई सुरक्षा को काफी मजबूत बनाएगा और संभावित चीनी खतरे से निपटने में मदद करेगा.

इस प्रणाली के आने के बाद ताइवान की सुरक्षा और हवाई क्षमता में बड़ा सुधार होगा. यह न केवल मिसाइल और ड्रोन से बचाव करेगी, बल्कि ताइवान को चीन के संभावित हमलों के लिए अधिक तैयार और मजबूत बनाएगी. इस कदम से क्षेत्रीय तनाव में भी संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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