लखनऊ. उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने शारिक साठा गैंग के एक अहम सदस्य मो गुलाम को गिरफ्तार किया है. गुलाम दुबई में बैठकर हिंसा को अंजाम देने वाले शारिक साठा गैंग से जुड़ा हुआ था. पुलिस ने इस हिंसा में शारिक साठा के संबंध को उजागर किया है और कहा है कि इसकी साजिश दुबई में रची गई थी. शारिक साठा गैंग का नाम बड़े अपराधों से जुड़ा हुआ है. पुलिस के मुताबिक, शारिक साठा दाऊद इब्राहिम के गैंग से भी जुड़ा हुआ है और आईएसआई के लिए काम करता है. वह संभल के दीपा सराय का रहने वाला है, और पहले वह बस-ट्रक में हेल्पर का काम करता था. शारिक साठा कई अपराधों में शामिल रहा है, जैसे लूट, चोरी, डकैती, और गाड़ी चोरी.
कोर्ट में चार्जशीट दाखिल
शारिक साठा 2018 में जेल से छूटने के बाद फर्जी पासपोर्ट से दुबई भाग गया था. संभल हिंसा के दौरान 4 लोगों की हत्या हुई थी और कई लोग घायल हुए थे. हिंसा में शामिल 79 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. इसमें फायरिंग, आगजनी, और पथराव के आरोप लगाए गए हैं. पुलिस ने हिंसा में इस्तेमाल किए गए विदेशी पिस्टल और कारतूस भी बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक, हिंसा की साजिश शारिक साठा गैंग ने बनाई थी और इसे दुबई से निर्देशित किया गया था.
क्या बोले एसपी?
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि शारिक साठा को संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का संरक्षण प्राप्त था. पुलिस ने इसके बाद गुलाम को गिरफ्तार किया, जो इस हिंसा में एक अहम भूमिका निभा रहा था. पुलिस ने गुलाम से विदेशी पिस्टल और कारतूस बरामद किए हैं. इसके अलावा, पुलिस ने बताया कि शारिक साठा ने वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की भी साजिश रची थी. पुलिस ने इस खुलासे के बाद 80 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है और हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है. संभल हिंसा में हुई मौतों और घायलों के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और बड़े गैंग्स की साजिश को उजागर किया है. इस मामले में अभी और गिरफ्तारी हो सकती है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं