बेंगलुरु. कर्नाटक में शनिवार को कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. खासकर महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र परिवहन निगम ने सुरक्षा कारणों से अपनी बस सेवाएं सीमित कर दी हैं, जिससे बसें अब केवल कर्नाटक की सीमा तक ही जा रही हैं. रात में महाराष्ट्र से कर्नाटक की ओर बढ़ रही कई बसों को पुलिस ने वापस भेज दिया ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे.
कई इलाकों में यात्री फंसे हुए..
बंद का सबसे ज्यादा असर सीमावर्ती इलाकों में दिख रहा है. जहां बेलगाम समेत कई इलाकों में यात्री फंसे हुए हैं. महाराष्ट्र परिवहन निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते. बसें सीमा से आगे नहीं जाएंगी. इससे रोजमर्रा के यात्रियों खासकर नौकरीपेशा और व्यापारियों को भारी परेशानी हो रही है. बसों के न चलने से लोग निजी वाहनों और वैकल्पिक साधनों पर निर्भर हो रहे हैं.
मराठी समर्थक समूहों पर प्रतिबंध लगाने की मांग
यह बंद बेलगाम में एक बस कंडक्टर के साथ हुई मारपीट के विरोध में बुलाया गया है. आरोप है कि कंडक्टर को मराठी भाषा न बोलने पर पीटा गया जिससे भाषा विवाद बढ़ गया. कन्नड़ ओक्कूटा जैसे संगठनों ने इस घटना को कन्नड़ अस्मिता पर हमला बताया और मराठी समर्थक समूहों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इसके अलावा वे बेंगलुरु को कई प्रशासनिक जोनों में बांटने के प्रस्ताव और कन्नड़ भाषियों के अधिकारों की रक्षा की मांग भी कर रहे हैं. बंद के चलते पूरे कर्नाटक में पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक चलने वाले इस बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट मोड में है. पुलिस और प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. महाराष्ट्र परिवहन निगम ने यात्रियों से धैर्य रखने और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करने की सलाह दी है.
साभार : जी न्यूज
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं