काबुल. तालिबान ने एक अमेरिकी नागरिक को रिहा किया। इसके बाद अमेरिका ने तालिबान के प्रमुख नेता सिराजुद्दीन हक्कानी से 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम हटा लिया है। अफगान के आंतरिक मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि हक्कानी की गिरफ्तारी की सूचना देने पर इनाम रखा गया था। हालांकि एफबीआई की वेबसाइट पर हक्कानी का नाम इनाम वाले आतंकियों की सूची में शामिल है।
तालिबान ने दो साल से कैद में रह रहे अमेरिकी नागरिक को गुरुवार को रिहा किया था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बताया कि तालिबान ने दो साल से गलत तरीके से हिरासत में जॉर्ज ग्लेजमैन को रिहा कर दिया। ग्लेजमैन जब अफगानिस्तान गए थे तो उनका तालिबान ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद ट्रंप के विशेष दूत एडम बोहल, तालिबान और कतर अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद अमेरिकी नागरिक को रिहा कर दिया गया। रूबियो ने एक्स पर लिखा कि जॉर्ज ग्लेजमैन मुक्त हो गए। उनको अफगानिस्तान में ढाई साल तक गलत तरीके से हिरासत में रखा गया। अब वह अपनी पत्नी एलेक्जेंड्रा से मिलने जा रहा है। जॉर्ज घर में आपका स्वागत है। वहीं तालिबान ने अमेरिकी बंदी की रिहाई को वैश्विक सामान्यीकरण प्रयास का हिस्सा बताया।
कौन है सिराजुद्दीन हक्कानी
सिराजुद्दीन हक्कानी का नाता पाकिस्तान के नॉर्थ वजीरिस्तान इलाके से है। उसके आतंकी संगठन अलकायदा से भी करीबी संबंध रहे हैं। हक्कानी ने पाकिस्तान में बैठे-बैठे ही अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले कराए थे। इनमें अमेरिका और नाटो सेनाओं को निशाना बनाया गया था। इसके अलावा 2008 में हामिद करजई की हत्या की साजिश रचने के मामले में भी सिराजुद्दीन हक्कानी शामिल रहा है।
सिराजुद्दीन के आतंकी संगठन को हक्कानी नेटवर्क के नाम से भी जाना जाता है। काबुल के एक होटल में 2008 में हुए आतंकी हमले में सिराजुद्दीन हक्कानी वॉन्टेड रहा है। इस हमले में एक अमेरिकी नागरिक समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। उस पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था। सरकार के खिलाफ हक्कानी नेटवर्क के ऑपरेशन की कमान जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन ने संभाली, जो कि अपने पिता से भी खतरनाक माना जाता था। इसके बाद 2008 से लेकर 2020 तक अफगानिस्तान में कई बड़े हमलों में हक्कानी नेटवर्क का नाम सामने आया। मौजूदा समय में इस संगठन में 10 हजार से लेकर 15 हजार आतंकी होने का अनुमान है।
अफगान सरकार के खिलाफ कौन से बड़े हमलों में शामिल रहा हक्कानी नेटवर्क?
हक्कानी नेटवर्क का नाम अफगानिस्तान में कई बड़े हमलों में शामिल रहा है। इनमें सैकड़ों की संख्या में अफगान नागरिक, अमेरिका और अन्य देशों की सेनाओं के जवानों और सरकारी अफसरों की मौत हुई। इस संगठन के तीन सबसे बड़े हमलों में एक हमला 27 अप्रैल 2008 में हुआ था, जब हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों ने तालिबान के साथ मिलकर तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई पर ही हमला कर दिया। यह हमला एक हाई-प्रोफाइल मिलिट्री परेड के दौरान हुआ था, जिसमें अमेरिकी राजदूत भी शामिल हुए थे। इस घटना को आत्मघाती हमलावरों के साथ बंदूकधारियों ने अंजाम दिया था। हमले में अफगानिस्तान के एक सांसद समेत तीन लोग मारे गए थे। बताया जाता है कि यह अफगान राजधानी पर इस क्षमता का पहला बड़ा हमला था।
साभार : अमर उजाला
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