बुधवार, दिसंबर 10 2025 | 03:09:55 PM
Breaking News
Home / मनोरंजन / सुनील शेट्टी के मनाने पर भी नहीं माने परेश रावल, अक्षय कुमार से तनाव है कारण

सुनील शेट्टी के मनाने पर भी नहीं माने परेश रावल, अक्षय कुमार से तनाव है कारण

Follow us on:

मुंबई. ‘हेरा-फेरी’ वो फिल्म जिसके किरदारों को लोग 25 साल बाद भी भूल नहीं पाए हैं. फिल्म में टाइमिंग, स्क्रिप्ट और डायलॉग्स इतना शानदार हैं कि ये आज भी मीम और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते हैं. फिल्म के तीसरे सीक्वल की तैयारी है, लेकिन फिल्म ‘बाबू भैया’ यानी परेश रावल को लेकर सुर्खियों में हैं. जरा सोचिए इस फिल्म को बिना ‘बाबू भैया’ के आप देखेंगे? ‘उठा ले रे बाबा उठा ले’ से ‘ये बाबू राव का स्टाइल है’ जैसे वो डायलॉग्स नई ‘हेरा-फेरी’ में अगर कानों में न पड़े या ‘राजू’ और ‘श्याम’ के बीच की लड़ाई को सुलझाने वाले ‘बाबू भैया’ के बिना फिल्म को देखना पड़े… सोचना मुश्किल है, है ना? हाल ही में परेश रावल ने ये खुलासा किया कि वो हेरा-फेरी 3 में वो नहीं हैं. ‘बाबू भैया’ यानी परेश रावल ‘हेरा-फेरी 3’ में नहीं हैं. ये खबर आग की तरह फैली तो मेकर्स से लेकर सुनील शेट्टी तक ने इस मामले पर बात की. परेश रावल के फिल्म में न होने से सबसे ज्यादा जो दुखी हैं, वो हैं सुनील शेट्टी. हाल ही में उन्होंने अपना दर्द बयां किया.

सुनील शेट्टी ने जाहिर किया दुख

सुनील शेट्टी, कल्ट कॉमेडी में ‘श्याम’ के किरदार में नजर आए. टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए सुनील शेट्टी ने ‘हेरा फेरी 3’ विवाद पर बात की. उन्होंने कहा, ‘दुखी हूं! सच कहूं तो, हम बहुत लंबे समय से दोस्त हैं. हमारे बीच उतार-चढ़ाव आए हैं, यह जीवन में परिवार के साथ होता है. ‘हेरा फेरी’ परेश, राजू (अक्षय कुमार) और श्याम (सुनील शेट्टी) के बिना नहीं हो सकती. भले ही ‘हेरा फेरी’ न हो, मैं नहीं चाहता कि वे दोनों दोस्त एक-दूसरे से कड़वाहट रखें’.

‘मैं नहीं चाहता कि वे अलग हो जाएं’

दिग्गज एक्टर ने आगे कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि वे अलग हो जाएं. हमारी इंडस्ट्री में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है. हम हमेशा खुद को साबित करने की लड़ाई में लगे रहते हैं. मैं नहीं चाहता कि दो दोस्त अलग हो जाएं. मैं उनसे बात नहीं कर पाया हूं. मैंने परेश साहब को फोन किया, लेकिन उन्होंने कहा कि वे मुझसे बाद में बात करेंगे.’

‘बाबू भैया’ के किरदार को बताया था ‘गले का फंदा’

परेश रावल ने द लल्लनटॉप के साथ एक इंटरव्यू में ‘बाबू भैया’ के किरदार के बारे में बात की थी. एक्टर ने कहा था, ‘गले का फंदा’ है यार वो. फिर मैं 2022 में आर बाल्की के पास गया. बाल्की भाई मुझे कुछ कर के दो ना. कुछ तोड़ के दो. यही नहीं तो कुछ और. इसी गेट-अप में मुझे कुछ दूसरा किरदार दो. एक खुशी तो होती है यार, पर ये फिर बहुत बांधने वाली चीज है. इससे मुक्ति चाहिए, आजादी चाहिए.’

सीक्वल पर परेश रावल ने कही थी ये बात

सीक्वल की फॉर्मूलिक पर बात करते हुए परेश रावल ने कहा था कि दूसरी बात क्या होता है कि जब आप सीक्वल पे सीक्वल करते हो तो वही कुक-अप करते हो. मुन्ना भाई एमबीबीएस और लगे रहो मुन्ना भाई की तरह नहीं. अलग दिशा में जाते हो,अलग बैकड्रॉप को लेकर चलते हो. वो नहीं मिलेगा आपको. उन्होंने कहा था कि लेकिन कुछ तो करो उसके साथ. इतना बड़ा गुडविल है आप उसको लेकर उड़ो. दूसरी उड़ान भरो आप. वो किसी को करना नहीं है.

साभार : न्यूज18

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

केंद्रीय फिल्मक प्रमाणन बोर्ड ने फिल्मों के प्रमाणन की प्रत्येक जांच और संशोधन समिति में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की

सिनेमैटोग्राफ प्रमाणन नियम, 2024 के अनुसार बोर्ड और सलाहकार समितियों में एक-तिहाई महिला सदस्यों का होना …