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पीओके के पुलिसकर्मियों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ शुरू की हड़ताल

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मुजफ्फराबाद. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आम लोगो के बाद अब PoK पुलिस ने ही पाकिस्तानी पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ बग़ावत का बिगुल फूंक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू का दी है. PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद में सैकड़ों पुलिस अधिकारी वर्दी में ही बैनर पोस्टर लिए धरने पर बैठ गए है. उन्होंने ड्यूटी जॉइन करने से मना कर दिया है. जमीयत-ए-पुलिस कश्मीर के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे PoK के पुलिसकर्मीयों और पुलिस अधिकारियों ने पाकिस्तान की सरकार पर दशकों से भेदभाव, आर्थिक शोषण और प्रशासनिक उपेक्षा का आरोप लगाया है और ड्यूटी पर लौटने के लिए 12 सूत्रीय मांग रखी है.

सोमवार (21 जुलाई) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे PoK पुलिस के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया की पाकिस्तानी सरकार अपने कब्जे वाले कश्मीर में कश्मीरियों से इस कदर भेदभाव कर रही है. पुलिसकर्मियों की मौत के बाद उनका जमा किया हुआ पैसा तक परिजनों को नहीं दिया जाता है. पुलिसवालों के पैसे फ्रीज कर दिए जाते हैं साथ ही मृतक पुलिसकर्मियों के परिजनों को मिलने वाली पेंशन में भी पिछले 50 सालों से बढ़ोतरी नहीं की गई. पाकिस्तान के अन्य हिस्सों पंजाब प्रांत में ऐसा नहीं है. वहां पुलिसकर्मी की मौत के बाद परिजनों को हर महीने अच्छा पैसा मिलता है, बल्कि पुलिसकर्मी की सारी जमा पूंजी परिजनों को दे दी जाती है, जबकि PoK में ऐसा नहीं है.

PoK के पुलिसकर्मियों का पाकिस्तानी सरकार पर आरोप

PoK के पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने पाकिस्तानी सरकार पर आरोप लगाया की PoK में कई बड़े बड़े सरकारी अस्पताल हैं, लेकिन सुविधा सिर्फ सेना के अधिकारियों और उनके परिजनों को दी जाती है, पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार किया जाता है, ऐसे में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे PoK पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक PoK के पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों को भी सेना की तरह पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर सहित पूरे पाकिस्तान के बड़े बड़े सरकार अस्पतालों में इलाज की पात्रता और वरीयता दी जाए और बाहर इलाज की स्थिति में पैसा बिना देरी के रिफंड किया जाए.

अस्पताल में हुए खर्च का रिफंड देती है सरकार

PoK के पुलिसकर्मियों के मुताबिक पाकिस्तान के अन्य हिस्से के काम करने वाले पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों को बाहर प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाने पर पाकिस्तान की सरकार अस्पताल में हुए खर्च का रिफंड देती है. यही हाल सेना के मामले में भी है, लेकिन PoK की पुलिस के साथ सौतेला व्यवहार पिछले 70 सालो से किया जा रहा है. इसके अलवा हड़ताल पर बैठे पुलिसकर्मीयों की मांग है की PoK पुलिस को यूनिफॉर्म का भत्ता पाकिस्तानी सेना और रेंजर के बराबर मिले और रिस्क अलाउंस 2008 की पुरानी बेसिक पर नहीं बल्कि 2022 के स्केल पर दिया जाए जैसा सेना को दिया जा रहा है. इसके अलावा PoK पुलिस को डिसपेरिटी अलाउंस भी दिया जाए जो सेना और रेंजर्स को दो बार मिल चुका है साथ ही कांसटेबलरी और डैशिंग अलाउंस में मौजूदा महंगाई को ध्यान में रखते हुए वृद्धि की जाए.

पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ भेदभाव के आरोप

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इस समय लगातार पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ भेदभाव के आरोप की वजह से लगातार हड़ताल और धरने चल रहे है. इस समय पुलिसकर्मी हड़ताल पर बैठे है तो PoK के राजस्व विभाग के कर्मचारी भी 27 जुलाई तक काली पट्टी बांध कर काम कर रहे है. उनके मुताबिक अगर उन्हें पाकिस्तान के अन्य हिस्सों की तरह बराबरी का हक नहीं दिया गया तो पहले 27 जुलाई से वो 3 घंटे काम छोड़ेंगे और फिर 3 अगस्त से हड़ताल पर चले जाएगे.

साभार : एबीपी न्यूज

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