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छेड़खानी के आरोपी विकास बराला की नियुक्ति का विरोध हुआ शुरू

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चंडीगढ़. हरियाणा में अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की बेटी से छेड़खानी और अपहरण के प्रयास के आरोपित विकास बराला को सहायक महाधिवक्ता बनाने पर विवाद छिड़ गया है। राज्यसभा सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस सांसद और महासचिव रणदीप सुरजेवाला और इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला ने जुबानी मोर्चा खोल दिया है।

प्रदेश सरकार ने हाल ही में 97 सहायक महाधिवक्ता, उप महाधिवक्ता, वरिष्ठ उप महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता के पदों पर नियुक्तियां की हैं। इनमें विकास बराला भी शामिल हैं, जिन पर यौन उत्पीड़न, पीछा करने और अपहरण की कोशिश जैसे गंभीर आरोप में चंडीगढ़ की अदालत में मुकदमा चल रहा है। विकास बराला और उनके मित्र आशीष कुमार पर पांच अगस्त 2017 की रात को चंडीगढ़ की सड़कों पर आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने और जबरदस्ती गाड़ी में घुसने की कोशिश करने के आरोप लगे थे।

मामले ने तूल पकड़ा तो विकास को नौ अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया गया था और अक्टूबर 2017 में आरोप तय हुए। जनवरी 2018 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत मिली, जिसके बाद से ही वह मुकदमे का सामना कर रहे हैं। अगली सुनवाई दो अगस्त को होनी है, जिसमें बचाव पक्ष की गवाही दर्ज की जाएगी।

‘कानून से खेलने वाला सरकार के लिए करेगा वकालत’

कांग्रेस महासचिव और सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इसको लेकर विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने छेड़खानी और अपहरण की कोशिश करने के आरोपित को सहायक अधिवक्ता बना दिया। यानी युवती से अश्लील हरकत कर कानून से खेलने का आरोपित अब सरकार की तरफ से वकालत करेगा। उन्होंने कहा कि जमानत पर बाहर चल रहे विकास बराला को सांसद सुभाष बराला का बेटा होने के कारण यह पद दिया गया है। इससे पहले भी भाजपा महिलाओं का उत्पीड़न करने वाले, दुष्कर्म करने वाले और हत्यारोपितों को प्रमोट करती रही है। यह उसी की अगली कड़ी है।

वहीं, इनेलो विधायक दल के नेता आदित्य देवीलाल चौटाला ने कहा किछेड़छाड़ के आरोपित विकास बराला के साथ ही भाजपा नेताओं के 35 रिश्तेदारों को विधि विभाग में नियुक्तियां दी गई हैं। आधे से ज्यादा बाहर के प्रदेशों के लोगों को लगाया गया है। आवेदन करने वाले ढाई हजार लोगों में से क्या अंडर ट्रायल विकास बराला, भाजपा नेताओं के रिश्तेदार और हरियाणा से बाहर के लोग ही योग्य मिले हैं।

लॉ ऑफिसर की नियुक्ति के लिए क्या योग्यताएं और अनुभव रखे गए थे, उन सभी मानदंडों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। सभी की नियुक्ति रद कर पारदर्शी तरीके से योग्य लोगों को लॉ ऑफिसर नियुक्त किए जाए।

-आदित्य देवीलाल चौटाला, इनेलो विधायक दल के नेता

साभार : दैनिक जागरण

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