वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रक्रिया में सुधारों को लेकर हिंदुस्तान का लोहा माना है। उन्होंने अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते वक्त भारत की मतदाता पहचान प्रणाली का हवाला दिया और उसकी तारीफ भी की। ट्रंप ने भारत की बायोमीट्रिक डेटाबेस से जुड़ी मतदाता पहचान प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि हिंदुस्तान और ब्राजली जैसे देशों ने यह सब कर लिया। मगर संयुक्त राज्य अमेरिका जैसा हमारा देश अभी तक बुनियादी और आवश्यक चुनाव सुरक्षा व्यवस्था लागू करने में असफल रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और ब्राजील, जहां की मतदाता पहचान बायोमेट्रिक डेटाबेस से जुड़ी हुई है, जैसे देशों में प्रचलित प्रथाओं का हवाला देते हुए मंगलवार को अमेरिकी चुनाव प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने अपने कार्यकारी आदेश में कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अब तक विकसित और विकासशील दोनों देशों द्वारा उपयोग किए जाने वाले “बुनियादी और आवश्यक चुनाव सुरक्षा को लागू करने में विफल रहा है।”
ट्रंप ने क्यों की भारत की तारीफ
डोनाल्ड ट्रंप का मुख्य फोकस स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को लेकर था। उन्होंने आदेश में कहा है, “उदाहरण के लिए, भारत और ब्राजील मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका नागरिकता के लिए बड़े पैमाने पर स्व-सत्यापन पर निर्भर है।” ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का आह्वान करते हुए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि वोटों की सही तरीके से गिनती की जाए और धोखाधड़ी या अवैध हस्तक्षेप से बचाया जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कार्यकारी आदेश में कहा, “धोखाधड़ी, त्रुटियों या संदेह से अछूते स्वतंत्र, निष्पक्ष और ईमानदार चुनाव हमारे संवैधानिक गणराज्य को बनाए रखने के लिए मौलिक हैं। अमेरिकी नागरिकों का अधिकार है कि उनके वोटों की सही तरीके से गिनती की जाए।
अवैध मतदान से बचना होगा
ट्रम्प ने कहा कि संविधान के तहत, राज्य सरकारों को संघीय कानूनों के अनुपालन में अमेरिकी चुनावों की सुरक्षा करनी चाहिए जो मतदान के अधिकारों की रक्षा करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि अवैध मतदान, भेदभाव, धोखाधड़ी और अन्य प्रकार के दुराचार से सुरक्षा करते हैं। बावजूद संयुक्त राज्य अमेरिका ने राज्यों को चुनाव दिवस के बाद प्राप्त मतपत्रों की गिनती करने से रोकना या गैर-नागरिकों को मतदान के लिए पंजीकरण करने की अनुमति देने जैसे संघीय चुनाव आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से लागू नहीं किया है।
ट्रम्प के आदेश से अमेरिकी चुनावों में क्या बदलाव आएंगे?
राष्ट्रपति के आदेश में अमेरिकी नागरिक मतदाता पंजीकरण के लिए नागरिकता का दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने को अनिवार्य किया गया है। नागरिकता सत्यापित करते समय दस्तावेज़ के प्रकार, जारी करने की तिथि और समाप्ति जैसे विवरणों को रिकॉर्ड करना भी आवश्यक है। इसमें राज्यों के पास अब मतदाता नागरिकता सत्यापित करने के लिए संघीय डेटाबेस तक पहुँच होगी। संघीय नागरिकता आवश्यकताओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए न्याय विभाग मतदाता पंजीकरण सूचियों की समीक्षा करने में सहायता करेगा। यह आदेश गैर- अमेरिकी नागरिकों को संघीय चुनावों में पंजीकरण या मतदान करने से रोकने वाले कानूनों के सख्त प्रवर्तन की आवश्यकता पर बल देता है। साथ ही उनके द्वारा गैरकानूनी मतदान को संबोधित करने के लिए राज्य अटॉर्नी जनरल के साथ सहयोग करने का आह्वान करता है।
साभार : इंडिया टीवी
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