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सिद्धारमैया पाकिस्तान से जंग को लेकर अपने बयान से पलटे

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बेंगलुरु. पहलगाम आतंकवादी हमले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री की टिप्पणी को पाकिस्तानी मीडिया में तूल दिया जा रहा है। वहीं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी सीएम पर हमला बोला। इस आलोचना के बीच सिद्धारमैया ने रविवार को साफ किया कि उन्होंने युद्ध के लिए पूरी तरह से मना नहीं किया है। बल्कि उनका मतलब यह था कि युद्ध तभी होना चाहिए जब यह अपरिहार्य हो। क्योंकि यह समाधान नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहलगाम आतंकवादी हमले के संबंध में कहा था कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया कराना केंद्र सरकार का दायित्व था। उन्होंने अपना यह रूख दोहराया कि इस संबंध में खामियां रहीं और इस घटना को रोकने में खुफिया एजेंसियां विफल रहीं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें दो लोग कर्नाटक से थे।

क्या बोले सिद्धारमैया?

सिद्धारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, इसका मतलब है कि अगर अपरिहार्य हो तो युद्ध होना चाहिए… केवल तभी युद्ध होना चाहिए जब अपरिहार्य हो, युद्ध से कोई समाधान नहीं निकल सकता। मैंने युद्ध की मांग की मनाही नहीं की है। जब मुख्यमंत्री से कहा गया कि पाकिस्तान का मीडिया उनके बयान को तूल दे रहा है तो उन्होंने कहा कि मैंने पाकिस्तान के साथ युद्ध के लिए मना नहीं किया। मैंने जो कहा, वह यह कि युद्ध कोई समाधान नहीं है।

बयान पर दी सफाई

सिद्धारमैया ने कहा कि कश्मीर में बहुत से पर्यटक जाते हैं, इसलिए वहां सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए थी। सुरक्षा मुहैया कराना किसकी जिम्मेदारी है? यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। मैंने कहा कि यह विफलता है। उन्होंने कहा कि (पहलगाम में) 26 लोग मारे गए हैं। (पुलवामा में) 40 सैनिक मारे गए थे। इसलिए यह भारत सरकार के खुफिया तंत्र की विफलता है। मैंने कहा है कि भारत सरकार ने उचित सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। अगर युद्ध अपरिहार्य है तो होना चाहिए, ऐसा नहीं है कि ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। लेकिन तत्काल युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, यही मैंने कहा है।

पाकिस्तान से युद्ध की जरूरत नहीं-सिद्धारमैया

सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि कड़े कदम उठाये जाने चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किये जाने की जरूरत है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षा मिलनी चाहिए और केंद्र सरकार को सुरक्षा उपाय करने चाहिए…।

डीके शिवकुमार क्या बोले?

उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कहा है वह उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन भारत की रक्षा की जानी चाहिए और कांग्रेस पार्टी ने इस पर अपना स्पष्ट रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि इस देश की शांति, एकता और अखंडता महत्वपूर्ण है। हर किसी का जीवन भी महत्वपूर्ण है। हम सभी भारतीय हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस मामले पर अपना स्पष्ट रुख अपनाया है, हम सभी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में हम इसके साथ खड़े हैं।

बीजेपी ने बोला हमला

विपक्षी दल बीजेपी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की आलोचना की। विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने सिद्धरमैया पर एक दुश्मन देश की ‘कठपुतली’ की तरह काम करने का आरोप लगाया, वह भी ऐसे समय में जब देश बहुत संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है और सीमा पर युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री के बयान की निंदा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने उनसे देश की जनता से माफी मांगने और अपना आचरण सुधारने का आग्रह किया। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि लोग जानते हैं कि सिद्धरमैया अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं, लेकिन जब मामला देश का हो तो उनका यह कहना कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, सही नहीं है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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