शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 04:54:11 PM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं पर दिए बयान के लिए मांगी माफी

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं पर दिए बयान के लिए मांगी माफी

Follow us on:

लखनऊ. प्रसिद्ध कथावचक और भागवाताचार्य अनिरुद्धाचार्य द्वारा महिलाओं पर की गई अभद्र टिप्पणी मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विवाद को बढ़ते देख मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक ने अपने बयान पर सफाई दी और माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि वह कभी नारी का अपमान नहीं कर सकते. उनकी टिप्पणी केवल कुछ महिलाओं के कृत्यों पर थी, पूरे नारी समाज पर नहीं थी.

दरअसल, हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. वीडियो में अनिरुद्धाचार्य ने कुछ लड़कियों की आयु को लेकर उनके चरित्र पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे महिला संगठनों और आम जनता में रोष फैल गया. खासकर कुछ शब्दों और संदर्भों को लेकर लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया.

अनिरुद्धाचार्य ने दी सफाई, मांगी माफी

विवाद बढ़ता देख अनिरुद्धाचार्य को आगे आकर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि उनका इरादा कभी भी नारी का अपमान करने का नहीं था. उनका बयान कुछ विशेष स्थितियों और व्यक्तियों के आचरण पर केंद्रित था, न कि पूरे नारी समाज पर. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो में से कुछ शब्दों को काट दिया गया, जिससे मूल संदेश गलत तरीके से पेश हुआ. उन्होंने माफी मांगते हुए कहा, मैं कभी नारी का अपमान नहीं कर सकता. नारी तो हमारी लक्ष्मी है. अगर मेरी बातों से कोई बहन-बेटी आहत हुई है, तो मैं उनसे क्षमा चाहता हूं.

‘आधी-अधूरी’ वीडियो से भड़कीं बहनें

अनिरुद्धाचार्य ने यह भी कहा कि कई महिलाओं ने वायरल क्लिप का सिर्फ एक हिस्सा सुना और उसी के आधार पर नाराज हो गईं. उन्होंने अपने बयान का संदर्भ समझाते हुए कहा कि कुछ लड़कियों का लिव-इन रिलेशनशिप में रहना और चार-चार जगह मुंह मारना रिश्तों की गंभीरता को खत्म करता है. सलिए लड़की हो या लड़का दोनों को पहले तो चरित्रवान होना चाहिए. लेकिन उनका यह बयान पूरी तरह से कुछ लोगों के लिए था, पूरे समाज के लिए नहीं.

विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा

हालांकि, माफी और सफाई के बावजूद अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ विरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा. कई महिला संगठनों ने उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है. सोशल मीडिया पर भी लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं और मंच से हटाने की मांग कर रहे हैं. महिला अधिकार संगठनों का कहना है कि धर्म की आड़ में महिलाओं के सम्मान पर चोट पहुंचाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं कई संत और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस बयान को संत परंपरा के खिलाफ बता रहे हैं.

साभार : न्यूज18

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

अब मैं समाज सुधारकों के स्मारकों पर उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर नहीं जाउंगी : मायावती

लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अब …