शुक्रवार, दिसंबर 12 2025 | 10:51:49 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / डेनमार्क में फिर दिखे अज्ञात ड्रोन, रूस पर है शक

डेनमार्क में फिर दिखे अज्ञात ड्रोन, रूस पर है शक

Follow us on:

कोपेनहेगन. डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि बीती रात कई सैन्य ठिकानों के ऊपर अज्ञात ड्रोन देखे गए। इन रहस्यमयी उड़ानों ने उत्तरी यूरोप की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है। इससे पहले भी ड्रोन की गतिविधियों के चलते कई डेनिश हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शुक्रवार रात करुप एयरबेस के भीतर और बाहर ड्रोन दिखाई दिए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रात 8 बजे के आसपास कई ड्रोन हवा में थे। कुछ समय के लिए वहां का हवाई क्षेत्र नागरिक विमानों के लिए बंद कर दिया गया, हालांकि फिलहाल करुप से कोई वाणिज्यिक उड़ानें संचालित नहीं होतीं।

हवाई अड्डों पर बढ़ाई गई सुरक्षा

डेनमार्क में इससे पहले भी बुधवार और गुरुवार की रात को चार हवाई अड्डों के ऊपर ड्रोन देखे गए थे। कोपेनहेगन एयरपोर्ट पर तो कई घंटों तक उड़ानें बाधित रहीं। न्याय मंत्री पीटर हम्मलगार्ड ने कहा कि इन उड़ानों का मकसद डर और भ्रम फैलाना है। उन्होंने संसद में नए कानून लाने की बात कही जिससे जरूरी ढांचे के मालिक ड्रोन को मार गिरा सकें।

स्वीडन से मिली मदद

यूरोपीय संघ के अगले सप्ताह होने वाले शिखर सम्मेलन को देखते हुए, डेनमार्क ने स्वीडन से एंटी-ड्रोन प्रणाली उधार लेने का फैसला किया है। हालांकि मंत्रालय ने इसके बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की। पड़ोसी जर्मनी में भी श्लेसविग-होल्सटीन प्रांत में ड्रोन की गतिविधियां दर्ज की गईं। वहां की सरकार ने पुलिस बल को ड्रोन-रोधी कदम बढ़ाने का आदेश दिया है।

जर्मनी की चेतावनी

जर्मनी की आंतरिक मंत्री सबीने सुटर्लिन-वैआक ने कहा कि उत्तर जर्मनी के कई राज्यों के साथ मिलकर ड्रोन से निपटने की योजना बनाई जा रही है। वहीं, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने चेतावनी दी कि यूरोप इस समय शांति की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि लगातार ड्रोन उड़ानें, साइबर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं किसी बड़े खतरे की ओर इशारा करती हैं।

हालांकि डेनमार्क और जर्मनी ने सीधे तौर पर किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि इन गतिविधियों के पीछे रूस का हाथ हो सकता है। 2019 में बर्लिन में हुए “टीयरगार्टन हत्या” मामले और हाल के साइबर हमलों को देखते हुए उत्तरी यूरोप पहले से ही सतर्क है। इस बीच, डेनमार्क और जर्मनी दोनों ने अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की घोषणा की है।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

म्यांमार में सेना की एयर स्ट्राइक में अस्पताल तबाह होने के कारण 30 से अधिक लोगों की मौत

नाएप्यीडॉ. म्यांमार में सैन्य सरकार और विद्रोही बल के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। …