बिजनौर. जनपद के घनुवाला गांव में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया जब बड़ी संख्या में ग्रामीण कोतवाली शहर पहुंचे और तीन ईसाई परिवारों पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों का दावा है कि ये परिवार गांव के भोले-भाले लोगों को पैसों का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बना रहे हैं और अवैध तरीके से मतांतरण की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
ग्रामीणों के अनुसार, पिछले कुछ समय से गांव में संदिग्ध गतिविधियां देखी जा रही थीं। रविवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने एकजुट होकर कोतवाली का घेराव किया। पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया कि गांव के ही तीन ईसाई परिवार स्थानीय लोगों को आर्थिक मदद और अन्य सुविधाओं का प्रलोभन दे रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाया जा रहा है।
ग्रामीणों की मुख्य मांगें
कोतवाली पहुंचे ग्रामीणों ने पुलिस को सौंपे पत्र में अपनी स्पष्ट मांगें रखीं:
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तहरीर पर FIR: ग्रामीणों की मांग है कि नामजद तीन ईसाई परिवारों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाए।
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आर्थिक फंडिंग की जांच: ग्रामीणों ने मांग की है कि इन परिवारों को मिल रहे धन के स्रोतों की जांच हो, ताकि पता चले कि प्रलोभन के लिए पैसा कहाँ से आ रहा है।
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बाहरी लोगों पर रोक: गांव में होने वाली संदिग्ध सभाओं और बाहर से आने वाले मिशनरियों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए।
पुलिस का आधिकारिक बयान
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने स्थिति को संभाला। पुलिस के अनुसार:
“ग्रामीणों द्वारा धर्मांतरण के प्रयास की शिकायत मिली है। पुलिस की एक टीम को साक्ष्य जुटाने के लिए घनुवाला गांव भेजा गया है। कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। यदि प्रलोभन या दबाव के तथ्य सही पाए जाते हैं, तो उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
जांच का दायरा
पुलिस स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) की मदद से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह कोई संगठित प्रयास है। गांव में फिलहाल शांति है, लेकिन एहतियात के तौर पर गश्त बढ़ा दी गई है।
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