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लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने कैंपस में कोका कोला और पेप्सी पर लगाया प्रतिबंध

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चंडीगढ़. भारत-अमेरिका के बीच हाल ही में छिड़े टैरिफ वॉर का असर अब एक यूनिवर्सिटी के कैंपस तक पहुंच गया है. पंजाब की मशहूर लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने कैंपस में कोका कोला, पेप्सी और अन्य अमेरिकी सॉफ्ट ड्रिंक्स पर पाबंदी लगाने का बड़ा फैसला किया है. Lovely Professional University के चांसलर और राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने इसे सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि ‘स्वदेशी आंदोलन 2.0’ की शुरुआत करार दिया.

एलपीयू के चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल का कहना है कि अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% तक का टैरिफ बढ़ाकर भारत की इकोनॉमी पर चोट की है. ऐसे में भारतीय युवाओं और शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे अमेरिकी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करके भारतीय ब्रांड्स को बढ़ावा दें. एलपीयू के कैंपस में करीब 40,000 स्टूडेंट्स हैं. कैंपस में प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. कैंपस कैफेटेरिया और फूड कोर्ट्स से लेकर हॉस्टल कैंटीन तक में अब अमेरिकी सॉफ्ट ड्रिंक्स नहीं मिलेंगी.

LPU के चांसलर का बड़ा ऐलान

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने घोषणा करते हुए कहा कि जब तक अमेरिका भारत के निर्यात पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ को वापस नहीं लेता है, तब तक अमेरिकी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार जारी रहना चाहिए. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए इतिहास का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 1905 में हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश सामान का बहिष्कार किया था, आज वक्त है कि हम अमेरिकी उत्पादों को लेकर वही संदेश दोहराएं.

यूनिवर्सिटी में क्या-क्या बैन हुआ?

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी कैंपस की दुकानों, हॉस्टल कैंटीन और कैफेटेरिया में कई अमेरिकी ड्रिंक्स की बिक्री पूरी तरह रोक दी गई है.

  • कोका-कोला
  • पेप्सी
  • अन्य अमेरिकी ब्रांडेड सॉफ्ट ड्रिंक्स

भारतीय ड्रिंक्स को मिलेगा बढ़ावा

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स और स्टाफ की संख्या करीब 40,000 है. अब एलपीयू कैंपस में इन ड्रिंक्स की बिक्री बंद होने से ये सभी अमेरिकी सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बनाएंगे. एलपीयू कैंटीन और फूड कोर्ट्स को सॉफ्ट ड्रिंक्स के भारतीय ऑप्शन अपनाने के निर्देश दिए गए हैं. इसका असर न केवल लाइफस्टाइल पर पड़ेगा, बल्कि भारतीय पेय ब्रांड्स को नया बाजार भी मिल सकता है. कोक और पेप्सी जैसी ज्यादातर सॉफ्ट ड्रिंक्स सेहत के लिए नुकसानदेह मानी जाती हैं.

अन्य यूनिवर्सिटी तक पहुंच सकता है ट्रेंड

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी का यह यूनीक फैसला एक ट्रेंड सेटर हो सकता है. अगर अन्य यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थान भी इसी रास्ते पर चलते हैं तो यह अमेरिकी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में झटका साबित होगा. वहीं भारतीय ब्रांड्स और ‘स्वदेशी’ विचारधारा को बड़ा फायदा मिल सकता है. LPU का अमेरिकी ड्रिंक्स पर लगाया गया बैन केवल एक कैंपस पॉलिसी नहीं है, बल्कि टैरिफ वॉर के बीच छिड़े स्वदेशी आंदोलन 2.0 का हिस्सा बन गया है.

साभार : न्यूज18

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