नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच सीमा तनाव के बीच भारत ने भूटान तक दो रेल लाइनों की घोषणा की है. रेल मंत्री के मुताबिक, इन रेल परियोजनाओं से भारत और भूटान के बीच व्यापार में तेजी आएगी. साथ ही भूटान में बने माल को रेल मार्ग के जरिए बंदरगाह तक जल्द पहुंचाना भी आसान हो जाएगा. लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है. यह भारत की एक बड़ी रणनीति है, जिसके जरिए युद्ध के समय चीन की मांद में घुसकर दांत तोड़ना संभव हो पाएगा. मोदी सरकार का यह कदम न केवल भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमताओं को मज़बूत करेगा बल्कि सरहद पर चीन के फेवर में इकतरफा झुके रणनीतिक संतुलन को भी बदलकर रख देगा.
रेल मंत्री के मुताबिक, घोषित की गई दो रेल लाइनों में से पहली लाइन असम के कोकराझार से भूटान के गेवेलफुग तक जाएगी, जबकि दूसरी लाइन बोंगाईगांव से भूटान के समद्रुप जोंगखार तक पहुंचेगी. ये दोनों लाइनें भूटान के दक्षिणी हिस्सों को भारत के रेल नेटवर्क से जोड़ेंगी. यहां से चीन की सीमा अपेक्षाकृत नज़दीक है, इसलिए इस कनेक्टिविटी का रक्षा दृष्टि से बड़ा महत्व माना जा रहा है.
साभार : जी न्यूज
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