मुंबई. भारत का औद्योगिक उत्पादन अगस्त में 4 प्रतिशत बढ़ा, जिसमें मुख्य योगदान खनन क्षेत्र का रहा. यह जानकारी सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई. जुलाई के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) की वृद्धि दर को भी 3.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया है. पिछले साल अगस्त में औद्योगिक उत्पादन स्थिर रहा था. NSO के अनुसार, “माइनिंग सेक्टर की 6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अगस्त 2025 में ऑल इंडिया इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.” अगस्त 2024 में खनन उत्पादन में 4.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जो कुल इंडेक्स का तीन-चौथाई हिस्सा है, इस अगस्त में 3.8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह केवल 1.2 प्रतिशत था. ‘बेसिक मेटल्स’ और ‘मोटर व्हीकल्स, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर’ का उत्पादन क्रमशः 12.2 प्रतिशत और 9.8 प्रतिशत बढ़ा. बिजली उत्पादन में भी 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल अगस्त में यह 3.7 प्रतिशत घटा था. पूंजीगत वस्तुओं (Capital Goods) का उत्पादन 4.4 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले साल स्थिर रहा. उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (Consumer Durables) का उत्पादन 3.5 प्रतिशत बढ़ा, जो कि पिछले साल के 5.4 प्रतिशत से कम है. वहीं, उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं (Consumer Non-Durables) का उत्पादन 6.3 प्रतिशत घटा, जबकि पिछले साल यह 4.4 प्रतिशत घटा था.
इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्र ने अगस्त 2025 में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल के 2.7 प्रतिशत के मुकाबले काफी बेहतर है. प्राथमिक वस्तुओं (Primary Goods) का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा और मध्यवर्ती वस्तुओं (Intermediate Goods) में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
आगे का अनुमान
Icra की चीफ इकॉनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि जुलाई में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अगस्त में IIP की वृद्धि दर 4 प्रतिशत रह गई. यह मुख्य रूप से निर्माण क्षेत्र की धीमी वृद्धि के कारण है, जबकि खनन और बिजली उत्पादन में सुधार हुआ. उन्होंने आगे कहा, “GST के सुधार और त्योहारी सीजन की मांग से निर्माण क्षेत्र में सितंबर-अक्टूबर में उत्पादन बढ़ सकता है, खासकर जब पुरानी इन्वेंट्री खत्म हो जाएगी.”
साभार : न्यूज18
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