लखनऊ. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में स्थित एम.आर.डी. (MRD) पब्लिक स्कूल एक बड़े विवाद के केंद्र में आ गया है। स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगा है कि यहाँ पढ़ने वाले हिंदू छात्र-छात्राओं से सुबह की असेंबली (प्रार्थना सभा) के दौरान जबरन उर्दू भाषा में ‘नबी’ की प्रशंसा वाली प्रार्थना पढ़वाई जा रही है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय अभिभावकों और हिंदू संगठनों में भारी रोष व्याप्त है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्कूल में काफी समय से सामान्य प्रार्थना के स्थान पर ऐसी शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा था, जो विशिष्ट रूप से एक धर्म विशेष (इस्लाम) से जुड़ी है। अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों को ऐसी प्रार्थनाएँ रटवाई जा रही हैं जिनमें ‘नबी’ और अन्य धार्मिक शब्दों का समावेश है। जब बच्चों ने घर जाकर इन शब्दों के बारे में बताया, तब परिजनों ने स्कूल पहुंचकर विरोध दर्ज कराया।
अभिभावकों का आक्रोश और विरोध
गुरुवार को बड़ी संख्या में अभिभावक स्कूल परिसर के बाहर एकत्र हुए और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। अभिभावकों का तर्क है कि:
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एक धर्मनिरपेक्ष शिक्षण संस्थान में किसी विशेष धर्म की प्रार्थना थोपना असंवैधानिक है।
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बच्चों की कोमल बुद्धि पर इस प्रकार के धार्मिक विचार डालना गलत है।
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स्कूल प्रशासन शिक्षा के नाम पर “धार्मिक तुष्टीकरण” का प्रयास कर रहा है।
प्रशासनिक कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। हिंदू संगठनों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर स्कूल की मान्यता रद्द करने और प्रबंधन पर कठोर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
दूसरी ओर, स्कूल प्रबंधन ने अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्ट आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, हालांकि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार उन्होंने इसे “सर्वधर्म समभाव” की कोशिश बताया है, जिसे अभिभावकों ने सिरे से खारिज कर दिया है।
जांच के घेरे में स्कूल
शिक्षा विभाग ने इस मामले में एक जांच कमेटी गठित कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि स्कूल की प्रार्थना नियमावली और पाठ्यक्रम की जांच की जाएगी। यदि दोषी पाया गया, तो स्कूल के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई निश्चित है।
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