नई दिल्ली (मा.स.स.). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग एवं सिंगापुर गणराज्य की सरकार के व्यापार और उद्योग मंत्रालय के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग के बारे में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत कराया गया। इस समझौता ज्ञापन पर फरवरी 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता ज्ञापन एक ऐसा तंत्र प्रदान करेगा जो इसके लिए इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगा जिसमें परस्पर सहयोग के माध्यम से नई प्रौद्योगिकी निर्माण, जनशक्ति प्रशिक्षण, आईपी जनरेशन के लिए अग्रणी दोनों देशों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
इस सहयोग के अंतर्गत क्रियान्वित गतिविधियों के माध्यम से नया ज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी विकास आत्मनिर्भर भारत को गति प्रदान करेगा। यह समझौता ज्ञापन एक तंत्र प्रदान करेगा जो ऐसा इकोसिस्टम बनाने में मदद करेगा जिससे दोनों देशों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा ताकि परस्पर सहयोग के माध्यम से नई प्रौद्योगिकी निर्माण, जनशक्ति प्रशिक्षण एवं आईपी जनरेशन हो सके। समझौता ज्ञापन में परिकल्पित गतिविधियों में उत्पाद संबंधी विकास और प्रौद्योगिकी विनिमय भी शामिल होगा जिससे नए उद्यमों व रोजगार का सृजन हो सकता है। इस ज्ञापन का उद्देश्य भारत और सिंगापुर के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में समान रुचि के क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करना, उसे विकसित करना और सुविधाजनक बनाना है। आपसी हित के किसी भी क्षेत्र में ऐसे सहयोग को प्राथमिकता दी जाएगी जो निम्नलिखित क्षेत्रों में अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास में प्रगति को आगे बढ़ा सके:
- कृषि और खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी;
- उन्नत विनिर्माण और इंजीनियरिंग;
iii. हरित अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, जल, जलवायु और प्राकृतिक संसाधन;
- डेटा विज्ञान, उभरती हुई प्रौद्योगिकियां;
- उन्नत सामग्री; तथा
- स्वास्थ्य एवं जैव प्रौद्योगिकी।
आपसी सहमति से साझा हित के अन्य क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।
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