नई दिल्ली (मा.स.स.). केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेन्द्र यादव ने आज ब्रिटेन के सीओपी26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने चर्चा की कि भारत और ब्रिटेन कैसे ग्लासगो जलवायु समझौते को पूरा करने के लिए एक साथ काम करना जारी रख सकते हैं और 2030 के रोडमैप के तहत जलवायु कार्य पर भारत और ब्रिटेन के सहयोग को कैसे मजबूत बनाया जा सकता है।
यादव ने सीओपी26 के अध्यक्ष के नेतृत्व और यूएनएफसीसीसी के सीओपी26 के सफल समापन के लिए सभी हितधारकों के साथ उनके निरंतर जुड़ाव की सराहना की। उन्होंने पेरिस समझौते के सफल कार्यान्वयन के लिए जलवायु कार्य की निरंतर गति और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
केन्द्रीय मंत्री ने 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य सहित पांच अमृत तत्वों के रुप में ‘पंचामृत’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के लिए भारत की प्रतिबद्धताओं को दोहराया। उन्होंने सीओपी26 में वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (ओएसओडब्ल्यूओजी) पहल की शुरूआत करने के लिए भारत के साथ जुड़ने के लिए ब्रिटेन को धन्यवाद दिया। यूके सीओपी26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा को भी सीओपी26 में प्रधानमंत्री के आह्वान से भी अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री ने विश्व समुदाय का आह्वान किया था कि जलवायु कार्य में तेजी लाने और वैश्विक जलवायु में लचीले परिवर्तन के अंतराल को पाटने के लिए स्थायी जीवन शैली में जन आंदोलन के रूप में पर्यावरण के लिए लाइफ मंत्र-जीवन शैली को अपनाया जाए।
पर्यावरण मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि विकसित देशों से जलवायु संबंधी आर्थिक प्रबन्ध और प्रौद्योगिकी सहायता की वर्तमान गति और पैमाना जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक आकांक्षा से मेल नहीं खा रहे हैं। उन्होंने आर्थिक प्रबन्ध और प्रौद्योगिकियों सहित कार्यान्वयन सहायता के वितरण और लक्ष्यों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।