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भारत में प्रौद्योगिकी विलगाव का नहीं, समावेश का माध्यम है : नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली (मा.स.स.). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस को संबोधित किया। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के लोग इस ऐतिहासिक अवसर पर आपकी मेजबानी करके खुश हैं, क्योंकि हम एक साथ अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।” हैदराबाद में हो रहे सम्मेलन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शहर अपनी संस्कृति तथा खान-पान, आतिथ्य और हाई-टेक विजन के लिए जाना जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्मेलन के विषय, ‘ग्लोबल विलेज को भू-सक्षम बनाना: कोई भी पीछे न रहे’ को भारत द्वारा पिछले कुछ वर्षों में उठाए गए कदमों के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, “हम अंत्योदय के विजन पर काम कर रहे हैं, जिसका अर्थ है मिशन मोड में विकास के सिरे पर खड़े अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाना।” प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि 450 मिलियन लोग – संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिक आबादी- जिनके पास बैंकिंग की सुविधा नहीं थी, उन्हें बैंकिंग नेट के तहत लाया गया है और 135 मिलियन लोगों को, फ्रांस की आबादी का लगभग दोगुना, बीमा की सुविधा दी गयी है। “भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी पीछे न रहे”; इस बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 110 मिलियन परिवारों को स्वच्छता सुविधाएं दी गयीं और 60 मिलियन से अधिक परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन दिए गए हैं।”

प्रौद्योगिकी और प्रतिभा दो स्तंभ हैं, जो भारत की विकास यात्रा की कुंजी हैं। प्रधानमंत्री ने जैम ट्रिनिटी का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी परिवर्तन लाती है, जिसने 800 मिलियन लोगों को निर्बाध रूप से कल्याणकारी लाभ पहुंचाया है और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को संचालित करने वाला तकनीकी प्लेटफार्म प्रदान किया है। मोदी ने कहा, “भारत में, प्रौद्योगिकी विलगाव का नहीं, समावेश का माध्यम है।”

नरेंद्र मोदी ने समावेश और प्रगति को आगे बढ़ाने में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि स्वमित्र और आवास जैसी योजनाओं में प्रौद्योगिकी की भूमिका का तथा संपत्ति के स्वामित्व और महिला सशक्तिकरण के परिणामों का संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य -गरीबी और लैंगिक समानता- पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो डिजिटल ओसन प्लेटफार्म के समान है। प्रधानमंत्री ने भारत के पड़ोस में संचार की सुविधा के लिए दक्षिण एशिया उपग्रह का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने पहले ही भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के लाभों को साझा करने के क्षेत्र में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

भारत की यात्रा में दूसरे स्तंभ के रूप में प्रतिभा की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत एक युवा राष्ट्र है, जहाँ नवाचार की भावना प्रबल है।” उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के शीर्ष स्टार्टअप हब में से एक है, जहां 2021 के बाद से यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है, जो भारत की युवा प्रतिभा का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार करने की स्वतंत्रता, सबसे महत्वपूर्ण स्वतंत्रताओं में से एक है, और इसे भू-स्थानिक क्षेत्र के लिए सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि भू-स्थानिक डेटा का संग्रह, उत्पादन और डिजिटलीकरण का अब लोकतंत्रीकरण किया गया है। इन सुधारों के साथ ड्रोन क्षेत्र को बढ़ावा दिया गया है और निजी भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के साथ-साथ भारत में 5जी की शुरुआत हुई है।

मोदी के अनुसार, कोविड-19 महामारी को सभी को साथ लेकर चलने का आह्वान होना चाहिए था। उन्होंने जोर देकर कहा कि संकट के समय एक-दूसरे की मदद करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संस्थागत दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संगठन, दुनिया के हर क्षेत्र में संसाधनों को विकास के अंतिम सिरे पर खड़े व्यक्ति तक ले जाने में नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने में परामर्श, वित्त सहित सभी प्रकार की सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि हमारी पृथ्वी को बचाने के लिए सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी की अनंत संभावनाओं को रेखांकित किया। इनमें स्थायी शहरी विकास, आपदाओं का प्रबंधन और शमन, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की निगरानी, वन प्रबंधन, जल प्रबंधन, मरुस्थलीकरण को रोकना और खाद्य सुरक्षा शामिल हैं। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि यह सम्मेलन ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास पर चर्चा करने का एक मंच बने। अंत में, प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आशा व्यक्त करते हुए कहा, “वैश्विक भू-स्थानिक उद्योग के हितधारकों के एक साथ आने एवं नीति निर्माताओं और अकादमिक जगत के एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के साथ, मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन ग्लोबल विलेज को एक नए भविष्य की ओर ले जाने में मदद करेगा।”

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