नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के धान प्रक्षेत्र का भ्रमण किया तथा वहां पर की जा रही धान की सीधी बुवाई (डीएसआर विधि) द्वारा उगाई जा रही खरपतवारनाशी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी किस्मों जैसे कि पूसा बासमती 1121 का सुधार कर बनाई गई पूसा बासमती 1979 और पूसा बासमती 1509 का सुधार कर बनाई गई पूसा बासमती 1985 की समीक्षा की।
ये प्रजातियां सीधी बिजाई से धान की खेती द्वारा लागत को कम कर किसानों की आय बढ़ाने और पानी की बचत करने में मदद करेंगी। इसके अलावा, मोटे चावल की एक एडवांस लाइन, जो पूसा 44 की सुधारी गई अधिक उपज वाली किस्म का भी अवलोकन किया तथा पूसा संस्थान द्वारा किए जा रहे जा रहे कार्यों के भूरी-भूरी प्रशंसा की। साथ ही, उन्होंने बासमती चावल की झुलसा एवं झोंका रोग प्रतिरोधी तीन बासमती क़िस्मों पूसा बासमती 1847 जो पूसा बासमती 1509 का सुधार, पूसा बासमती 1885 जो पूसा बासमती 1121 का सुधार तथा पूसा बासमती 1886 जो पूसा 1401 का उन्नत रूप है, का भी अवलोकन किया। इन क़िस्मों में कृषि रसायनो का छिड़काव करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे लागत में कमी के साथ-साथ रसायनो के अवशेष से मुक्त बासमती चावल पैदा होगा, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अच्छा मूल्य लगेगा, जिसका सीधा फ़ायदा किसानो की आय बढ़ाने में होगा।
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