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दीपावली – आर्थिक सुधारों का एक अभियान

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– डॉ शरद दीक्षित

वैसे तो भारत में हर त्योहार का अपना एक अलग महत्व है, लेकिन देश के सबसे बड़े त्योहार दीपावली का विशेष रूप से आर्थिक, समाजिक एवं धार्मिक महत्व है। इस त्योहार को पूरे उमंग, उत्साह और धूम-धड़ाके के साथ मनाने की परंम्परा रही है। दीपावली के इस त्योहार के समय बाजारों में अधिक चहल-पहल और खरीदी की जातीहै। जिसके कारण बड़े व्यापारी से लेकर छोट व्यापारी से लेकर और मजदूर वर्ग की आमदनी बढ़ जाती है। हम इसे आर्थिक सुधार का एक अभियान कहना था। अतिशयोक्ति न होगी। क्योंकि इस त्योहार मे रोजगार के नये अवसरों का सृजन हो जाता है। जिससे आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर जहाँ कपड़ो का व्यापार, मूर्तियों का कारोबार, मिठाई का कारोबार, सोना चाँदी का कारोबार, रियल स्टेट और गाड़ियों का कारोबार, फलों का कारोबार, रंगरोगन का कारोबार आदि से रोजगार का सृजन होता है। इसलिये दीपावली का यह त्यौहार आर्थिक दृष्टि से अर्थव्यवस्था हेतु उपयोगी है।

लेखक कानपुर विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में सहायक आचार्य हैं।

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