शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 02:17:20 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / डॉ मनसुख मांडविया ने जी-20 देशों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के साथ जन औषधि केन्द्र का भ्रमण किया

डॉ मनसुख मांडविया ने जी-20 देशों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के साथ जन औषधि केन्द्र का भ्रमण किया

Follow us on:

पणजी (मा.स.स.). जी-20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिभागी 17 से 19 अप्रैल, 2023 तक गोवा में आयोजित जी-20 स्वास्थ्य संचालन समूह (एचडब्ल्यूजी) की दूसरी बैठक में शामिल हुए। एचडब्ल्यूजी की बैठक के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने जी-20 देश ओमान, जापान, रूस, नाइजीरिया, सिंगापुर, मलेशिया के प्रतिनिधियों और यूनिसेफ तथा बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रतिनिधियों के साथ गोवा के पणजी में गर्वनर पेस्टाना मार्ग स्थित एक जन औषधि केन्द्र का भ्रमण किया।

मांडविया ने जन औषधि केन्द्र की मालिक एवं महिला उद्यमी सुप्रभा मेनन से बातचीत की। सुमेनन ने बातचीत के दौरान केन्द्र के संचालन के अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर मंत्री ने इस योजना के क्रियान्वयन के बारे में सभी प्रतिनिधियों को पूरी जानकारी दी और उनके सवालों के जवाब दिये। कई जनप्रतिनिधियों ने इस योजना को अपने देशों में लागू करने में रुचि दिखाई। सरकार इस योजना में रुचि दिखाने वाले मध्यम और अल्प आय वाले देशों की सहायता देने की दिशा में काम कर रही है। हाल ही विदेश मंत्रालय के सहयोग से 90 देशों के दिल्ली स्थित मिशन प्रमुखों के सम्मेलन में इस योजना की सफलता की जानकारी दी गयी थी। मांडविया ने इस दौरान कहा कि सरकार औषध क्षेत्र को राजस्व सृजन के रूप में नहीं देखती है। सरकार इस क्षेत्र को वैश्विक जन कल्याण का माध्यम बनाना चाहती है।

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के औषध विभाग की एक लोकप्रिय जन कल्याण योजना है। इसके तहत आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण दवायें कम कीमत पर उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना का आम लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण असर देखा गया है। जन औषधि केन्द्र पर ब्रांडेड कंपनियों की दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर दवायें मिलती हैं।

पिछले नौ वर्षों में जन औषधि केन्द्रों की संख्या 100 गुना बढ़ गयी है। वर्ष 2014 में इन केन्द्रों की संख्या मात्र 80 थी जो अब बढ़कर 9300 हो गयी है। इन केन्द्रों पर 1800 तरह की दवायें और 285 तरह के सर्जिकल उपकरण मिलते हैं। पिछले नौ वर्षों में इन केन्द्रों पर दवायें और उपकरण खरीदने से आम जनता को अनुमानित लगभग 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कुल बचत हुई है।

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

युद्ध के खतरे को देखते हुए अमेरिका ने यूक्रेन में अपना दूतावास किया बंद

कीव. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच तनाव बढ़ने के बीच अमेरिका ने कीव स्थित अपने …