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अमित शाह ने एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स प्रमुखों के सम्मेलन को किया संबोधित

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नई दिल्ली (मा.स.स.). केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज नई दिल्ली में आयोजित राज्यों और संघशासित प्रदेशों के एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स प्रमुखों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अमित शाह ने एनसीबी की वार्षिक रिपोर्ट (विशेष संस्करण), 2022 और नशामुक्त भारत – राष्ट्रीय संकल्प पुस्तिका का विमोचन भी किया। शाह ने देश में अवैध खेती की पहचान और उसे नष्ट करने के लिए ‘मैप ड्रग्स’– मोबाइल एप और वेब पोर्टल का शुभारंभ भी किया। गृह मंत्री ने NCB, इंदौर क्षेत्रीय इकाई के कार्यालय परिसर का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव और NCB के महानिदेशक एस एन प्रधान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में 2047 में हम नशामुक्त भारत का निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि नशामुक्त भारत आने वाली पीढ़ियों और देश के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज हम नशे के खिलाफ लड़ाई में एक ऐसे पड़ाव पर खड़े हैं कि यहां से दृढ़ संकल्प,सामूहिक प्रयासों, Team India और Whole of Government अप्रोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो हमारी विजय निश्चित है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अवैध खेती की पहचान के लिए आज एक एप लॉंच हुई है, एनसीबी की वार्षिक रिपोर्ट जारी हुई है और इसके साथ ही इंदौर के क्षेत्रीय कार्यालय का भी उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि ये सारे कदम नारकोटिक्स के खिलाफ हमारी लड़ाई को गति देने वाले साबित होंगे। शाह ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां हमारे देश के विकास की नींव होती हैं और नारकोटिक्स इन पीढ़ियों को खोखला कर देता है और अगर देश के विकास की नींव ही खोखली हो, तो इस पर एक मज़बूत देश की रचना नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के साथ-साथ देश के अर्थतंत्र पर भी अपना दुष्प्रभाव डालता है। नारकोटिक्स की तस्करी देश के अर्थतंत्र के साथ-साथ नार्को टेरर के माध्यम से देश की सीमाओं और उनकी सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करती है।

अमित शाह ने कहा कि दुनिया के कई देश नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई हार चुके हैं लेकिन भारत आज एक ऐसे पड़ाव पर है कि इस लड़ाई को हम 130 करोड़ की आबादी वाले देश के संकल्प के साथ जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को हारने के 3 कारण हो सकते हैं- ये लड़ाई सिर्फ सरकार की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरी जनता की लड़ाई है, ये किसी एक विभाग की लड़ाई नहीं है, बल्कि सभी को मिलकर समान तीव्रता के साथ इसे लड़ना है, और, अप्रोच में गलती, हमारा लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए कि जो ड्रग्स का सेवन करता है वो पीड़ित है और जो ड्रग्स का कारोबार करता है वो गुनहगार है और हमें उससे कठोरता के साथ निपटना चाहिए। शाह ने कहा कि ये तीन चीज़ें अगर हम कर लेते हैं तो हम निश्चित रूप से विजय प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने एक रणनीति बनाई है जिसके 3 बिंदु हैं-संस्थागत संरचना की मजबूती, सभी नार्को एजेंसियों का समन्वय और विस्तृत जन-जागरूकता अभियान। शाह ने कहा कि Team India और Whole of Government Approach को हमें साथ लेकर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को दलगत राजनीति और पॉलिटिकल आइडियोलॉजी से ऊपर उठकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, ज़ीरो टॉलरेंस की अप्रोच के साथ सभी राज्य सरकारो को नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ना होगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछले 3 सालों में नशे के खिलाफ लड़ाई के परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। शाह ने बताया कि 2006-2013 के बीच कुल 1257 मामले दर्ज़ किए गए थे जो 2014-2022 के बीच 181 प्रतिशत बढ़कर 3544 हो गए। इसी अवधि में कुल गिरफ्तारी की संख्या 1363 के मुक़ाबले लगभग 300 प्रतिशत बढ़कर 5408 हो गई। 2006-2013 के दौरान 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच दोगुना बढ़कर 3.73 लाख किलोग्राम हो गई। 2006-2013 के दरम्यान 768 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच 25 गुना से अधिक बढ़ोतरी के साथ 22 हज़ार करोड़ रुपये हो गई। अमित शाह ने कहा कि हमें ‘Bottom to Top’ और ‘Top to Bottom’ के अप्रोच के साथ आगे बढ़ना होगा और नशे के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों को ‘Bottom to Top’ और ‘Top to Bottom’ अप्रोच को विकसित करने के लिए एनसीबी को देना चाहिए जिससे इनका अच्छे से इन्वेस्टिगेशन हो सके। उन्होंने कहा कि एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स और इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य है Solution Oriented Thinking। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई के सभी आयामों और स्टेकहोलडर्स को साथ लेकर चलने के लिए भारत सरकार ने एक संयुक्त समन्वय समिति भी बनाई है। शाह ने कहा कि एनसीबी द्वारा बनाए गए NCORD और NIDAAN पोर्टल्स का भरपूर उपयोग सभी राज्यों को ज़रूर करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में 2 महत्वपूर्ण शस्त्र हमारे पास हैं- PITNDPS और संपत्ति को ज़ब्त करना। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के कारोबारियों के खिलाफ Ruthless होकर कार्रवाई करनी चाहिए तभी इस लड़ाई को गति मिलेगी। शाह ने कहा कि राज्यों को डार्क नेट और क्रिप्टो करंसी के उपयोग पर रोक लगाने के लिए केन्द्रीय ऐजेंसियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। इसके साथ-साथ ब्लॉक चेन विश्लेषण, मैप इंटेलीजेंस और डिजिटल फॉरेंसिक जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के लिए भी सभी राज्यों को राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम इन तकनीकों के लिए अच्छे से काम करते हैं तो हम इस लड़ाई में हम खुद को 2 कदम आगे पाएंगे। अमित शाह ने कहा कि जब तक ड्रग्स को उचित प्रक्रिया के माध्यम से नष्ट नहीं करते हैं, इसके भ्रष्टाचार के कारण रोटेट होने का भय रहेगा। उन्होंने सभी ऐजेंसियों से कहा कि ड्रग्स को नष्ट करने के कार्यक्रम सार्वजनिक रूप से होने चाहिएं जिससे सामाजिक चेतना जागृत करने में भी हमें मदद मिलेगी। शाह ने कहा कि सभी राज्यों को NDPS और Fast Track Courts स्थापित करने के लिए राज्यों के उच्च न्यायालयों के साथ संपर्क करना चाहिए, जिससे मामलों का निपटान त्वरित होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण और एफएसएल के अपग्रेडेशन के लिए मिलने वाली केन्द्रीय निधियों का उपयोग नार्को रिलेटेड एफएसएल अपग्रेडेशन करने के लिए भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस के वाणिज्यिक मामलों की जांच करने कें ईडी और अन्य ऐजेंसियों को मामले रेफर करने चाहिएं। शाह ने कहा कि हमारा ज़ोर संपूर्ण नेटवर्क को ध्वस्त करने पर होना चाहिए। इसके अलावा हमें पुनर्वास और जनजागरूकता अभियान से भी खुद को जोड़ना होगा जिससे हमें बहुत फायदा मिलेगा।

शाह ने कहा कि पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन के अंतर्गत भारत सरकार जो सुविधाएं देगी उनमें पहली प्राथमिकता नारकोटिक्स को देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि NCORD की चारों बैठकें, 2 केन्द्रीय और 2 राज्यस्तर पर, नियमित रूप से होनी चाहिए, जिनमें से सबसे ज़रूरी बैठक ज़िलास्तरीय NCORD की है। उन्होंने कहा कि हर राज्य को एकसमान प्रयास करने चाहिए कि ज़िलास्तरीय NCORD की बैठकें हों। शाह ने कहा कि केन्द्रीकृत NCORD पोर्टल पर अगर सारी सूचनाएं अपलोड की जाती हैं तो Knowledge Management System के रूप में सभी को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क तक हमारी जांच ज़रूर पहुंचनी चाहिए और उस नेटवर्क के हमारे देश के किसी भी हिस्से के भाग को नष्ट करने की ज़िम्मेदारी सभी एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स प्रमुखों की है। उन्होंने कहा कि ज़िले और राज्य का ड्रग्स नेटवर्क चार्ट ज़रूर बनाना चाहिए जिससे हमें समस्या के फैलाव और अपनी लड़ाई को केन्द्रित करने के बारे में जानकारी मिलेगी। शाह ने कहा कि व्यवस्था को सफलता में बदलने के लिए हमें अपनी संवेदना को इसके साथ जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि समुद्री मार्ग से मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए केन्द्रीय ऐजेंसियों और तटीय राज्यों और स्थानीय जनता के बीच बहुत अच्छा तालमेल होना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई कठिन ज़रूर है लेकिन हम सभी को मोदी जी के 2047 में नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संकल्प करना होगा और आगे बढ़ना होगा।

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