लखनऊ (मा.स.स.). उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि सेवा प्रदाता फर्म के डाटा सेन्टर जो कि एक अन्य फर्म मेसर्स वेबवर्क्स द्वारा संचालित है, में कुछ विदेशी हैकर्स द्वारा टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे सेवा प्रदाता फर्म का टिकटिंग सिस्टम पूर्ण रूप से प्रभावित हो गया है, जिसे रिस्टोर किये जाने की कार्यवाही गतिशील है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि निगम बसों के संचालन को मैनुवल टिकटिंग के माध्यम से कराते हुए समस्त क्षेत्रों में बसों का संचालन पूर्व की भांति मैनुवल टिकट माध्यम से करा दिया गया है। इस स्थिति के कारण किसी भी प्रकार से बसों का संचालन प्रभावित न हो इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को बस स्टेशनों तथा डिपो पर राउण्ड दी क्लाक मानीटरिंग किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि निगम के सभी क्षेत्रों से प्राप्त सूचना अनुसार निगम बसों का संचालन सामान्य रूप से हो रहा है तथा किसी भी प्रकार से यात्रियों को कोई असुविधा न हो इसका अनुपालन सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
परिवहन मंत्री ने बताया कि सेवा प्रदाता फर्म द्वारा डाटा को रिकवर करने हेतु एक्सपर्ट टीम डिप्लाय की गयी है। साइवर क्राइम के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सेवा प्रदाता द्वारा करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि निगम की सेवाओं को पुनः री-स्टोर किये जाने के अन्तर्गत नये सर्वर स्थापित कर एक सप्ताह के समय की मांग सेवा प्रदाता द्वारा की गयी है। प्रकरण में आज सेवा प्रदाता फर्म के उच्च प्रतिनिधियों तथा साइबर सिक्योरिटी एक्सपटर्स के साथ बैठक कर शीघ्र डाटा रिकवर करते हुए ऑनलाइन सेवाओं को पुर्नस्थापित किये जाने की कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता पर किये जाने का निश्चय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि मैनुअल टिकटिंग प्रणाली प्रयुक्त किये जाने से निगम राजस्व में कोई हानि परिलक्षित नहीं हुई है। बल्कि कुछ डिपोज में राजस्व प्राप्ति बढ़ी हुई मिली है। परिवहन निगम द्वारा हमेशा 03 माह की प्रयोग अवधि के बराबर मैनुअल टिकट की संख्या रिजर्व में रखी जाती है, जिससे इस प्रकार की स्थिति होने से यात्रियों को कोई असुविधा न होनें पाये। उन्होंने बताया कि सेवा प्रदाता मै0 ओरियन प्रो० फर्म द्वारा त्वरित गति से डाटा रिकवरी तथा सामान्य संचालन जाने की कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता पर की जा रही है। लगभग 07 से 10 दिवस में चरणवार समस्त 20 क्षेत्रों व 115 डिपोज में पूर्व की भांति इलेक्ट्रानिक टिकटिंग प्रणाली पुर्नस्थापित हो सकेगी। कुल 82 प्रवर्तन दलों को अलर्ट मोड पर रख अग्रेसिव चेकिंग कार्य कराया जा रहा है। सेवा प्रदाता फर्म द्वारा नवी मुम्बई स्थित अपने मुख्यालय पर इस हेतु एफआईआर कर दी गयी है। सेवा प्रदाता फर्म द्वारा उपलब्ध कराये गये समस्त अप्लीकेशन्स, तथा वेब पोर्टल्स का भी थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट नये सिरे से कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
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