पणजी (मा.स.स.). 35वें नौसेना उच्च कमान पाठ्यक्रम (एनएचसीसी) का समापन समारोह 3 मई, 2023 को नेवल वार कॉलेज (एनडब्ल्यूसी) में आयोजित किया गया। 1 अगस्त 2022 को प्रारम्भ हुए इस पाठ्यक्रम को भारतीय नौसेना के 25 अधिकारियों, भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के चार-चार अधिकारियों तथा एक तटरक्षक बल अधिकारी सहित 34 अधिकारियों ने पूरा किया। एनएचसीसी एक प्रमुख पाठ्यक्रम है, जिसमें भारतीय नौसेना के कैप्टन तथा सेना, वायुसेना और तटरक्षक बल के समकक्ष रैंक के लोग भाग लेते हैं। पाठ्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, समुद्री रणनीति, संयुक्त संचालन और टेक्नॉलोजी परिवर्तन पर प्राथमिकता के साथ रणनीतिक तथा परिचालन स्तर पर नेतृत्व के लिए अधिकारियों को तैयार करना है। पाठ्यक्रम के दौरान भाग लेने वाले अधिकारियों ने सामान्य रूप से राष्ट्र तथा विशेष रूप से सशस्त्र बलों के लिए रणनीतिक और परिचालन महत्व के विषयों के व्यापक क्षेत्रों पर शोध किया।
गोवा के राज्यपाल श्रीधरन पिल्लई समारोह के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, दक्षिणी नौसेना कमान वाइस एडमिरल एम.ए. हम्पीहोली भी उपस्थित थे। पाठ्यक्रम में शामिल होने वाले सभी अधिकारियों को रक्षा तथा रणनीतिक अध्ययन पर डिग्री प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध के लिए कैप्टन राजीव तिवारी को चीफ ऑफ नेवल स्टाफ स्वर्ण पदक और दूसरे सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध के लिए कैप्टन विक्रम आहूजा को फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (पश्चिम) रजत पदक से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ ऑपरेशन रिसर्च पेपर के लिए कैप्टन कुणाल भारद्वाज को फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (दक्षिण) रजत पदक से सम्मानित किया गया, जबकि दूसरे सर्वश्रेष्ठ पेपर के लिए कैप्टन वरुण पणिकर तथा कर्नल आर.आर. लड्ढा को फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (पूर्व) रजत पदक से सम्मानित किया गया।
समारोह में कैप्टन सूरज जेम्स राबीरा को मोस्ट स्पिरिटेड ऑफिसर के लिए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की स्मृति में प्रारम्भ की गई जनरल बिपिन रावत ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। नेवी वेलफेयर एंड वेलनेस एसोसिएशन (एनडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्ष कला हरिकुमार, एनडब्ल्यूडब्ल्यूए (दक्षिणी क्षेत्र) की अध्यक्ष मधुमती हम्पीहोली तथा स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की सुपुत्रियां भी पुरस्कार समारोह में उपस्थित थीं। मुख्य अतिथि ने पदक विजेताओं को बधाई दी तथा अधिकारियों की दृढ़ता और पेशेवर उत्कृष्टता के लिए उनकी सराहना की। स्नातक अधिकारी अब सशस्त्र बलों में परिचालन तथा स्टाफ बिलेट में प्रमुख स्थानों पर होंगे और नीति निर्माण के साथ-साथ निर्णय लेने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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