मंगलवार, अप्रैल 01 2025 | 01:57:44 AM
Breaking News
Home / राज्य / दिल्ली / राघव चड्ढा को सरकारी बंगला खाली करवाने के मामले में मिली राहत

राघव चड्ढा को सरकारी बंगला खाली करवाने के मामले में मिली राहत

Follow us on:

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा अपने सरकारी बंगले के आवंटन को रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे. जहां से उन्हें तुरंत राहत मिली है. राघव चड्ढा ने सरकारी बंगले के आवंटन को रद्द करने के फैसले को पटियाला हाउस कोर्ट में चुनौती दी है. राघव चड्ढा ने बंगले का आवंटन रद्द करने को लेकर बीजेपी पर हमला किया और सरकार की द्वेष भावना के तहत लिया गया फैसला करार दिया.

पटियाला हाउस कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर नोटिस पर रोक लगाई है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक राघव चड्ढा को पंडारा रोड पर आवंटित बंगाल नम्बर AB5 के खाली करने के नोटिफिकेशन पर रोक लगाई. कोर्ट ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी अपने आदेश पर अगली सुनवाई तक कोई करवाई न करे. राघव चड्ढा ने तर्क देते हुए जवाब दायर किया कि उन्हें राज्यसभा अध्यक्ष की प्रक्रिया के अनुसार वैध रूप से बंगला आवंटित किया गया था, नवीनीकरण के बाद टाइप 7 बंगले में चले गए थे और आवंटन पत्र में ही परिस्थितियों को शामिल किया गया था. राघव चड्ढा ने तर्क दिया है कि आवंटन रद्द करने वाला पत्र “मनमाना” है.

कोर्ट में 10 जून को मामले की अगली सुनवाई होगी. दरअसल राघव चड्ढा को सबसे पहले टाइप VII का बंगला आवंटित हुआ था, टाइप-VII बंगला आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री को दिया जाता है. जिसको रद्द करके चड्डा को टाइप VI का बंगला आवंटित किया गया, इसके बाद फिर टाइप VI के बंगले के आवंटन को रद्द कर दिया था. राघव चड्ढा की दलील है कि वो आवंटित आवास की श्रेणी के हकदार हैं. राघव चड्डा ने याचिका में तर्क दिया कि उनको आवंटित आवास को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया गया. अथॉरिटी ने बिना कोई कारण और औचित्य बताए आवास आवंटन रद्द किया. AAP सांसद राघव चड्ढा ने बतौर सांसद उन्हें टाइप 7 बंगला आवंटन रद्द करने वाले पत्र के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की है.

याचिका में तर्क दिया गया है कि उसे उचित प्रक्रिया के बिना बेदखल नहीं किया जा सकता था, आवंटन रद्द करने वाला पत्र अवैध है. 19 अप्रैल को पटियाला हाउस कोर्ट ने एक आदेश पारित कर निर्देश दिया था कि राघव चड्ढा को “कानून की उचित प्रक्रिया के बिना बेदखल नहीं किया जाएगा”. राज्यसभा सचिवालय ने राघव चड्ढा के मामले का विरोध करते हुए एक आवेदन दायर किया है और तर्क दिया है कि कोर्ट सचिवालय को सुने बिना 19 अप्रैल का आदेश पारित नहीं कर सकती थी.

साभार : एबीपी न्यूज़

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

दिल्ली में ईद के अवसर पर सड़क पर ही होगी नमाज : एआईएमआईएम

नई दिल्ली. एआईएमआईएम के दिल्ली चीफ डॉ. शोएब जमई ने भाजपा पर तीखा हमला बोला …