लखनऊ. उमेश पाल हत्याकांड में फरार पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम का सौतेला बेटा आबिद भी उसकी ही तर्ज पर चलने लगा है। खुल्दाबाद पुलिस ने उसे तब पकड़ लिया जब वह झोले में बम लेकर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहा था। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तार आबिद चकिया की रहने वाली चांदनी का बेटा है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद यह बात सामने आई थी गुड्डू मुस्लिम उसके साथ रहता था। चौंकाने वाली बात यह थी कि घटना के कुछ दिनों बाद ही वह भी रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई।
पुलिस ने बताया कि 20 साल के आबिद को घनश्याम नगर रेलवे कॉलोनी के पास संदिग्ध गतिविधि देखकर रोका गया। इस दौरान उसके पास से झोले में छह बम बरामद हुए। पूछताछ में उसने बताया कि वह अतीक अहमद के कार्यालय के पास मीट की दुकान चलाता था। जिसे 15 अप्रैल को सील कर दिया गया। यह दुकान उसे गुड्डू मुस्लिम ने ही खुलवाई थी। गौरतलब है कि इस दुकान को गिराने के लिए पीडीए ने अप्रैल में नोटिस जारी किया था। इससे पहले इसे सील भी किया गया था। इसी बीच 14 जून को दुकान खुलने पर तरह-तरह की चर्चांए शुरू हुईं तो पीडीए ने इसे फिर सील कर दिया। एसीपी कोतवाली सत्येंद्र प्रसाद तिवारी ने बताया कि आरोपी काे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
आपको बता दें कि बमबाज गुड्डू मुस्लिम की पैदाइश प्रयागराज की ही है। वह स्कूल के दिनों से ही लूट और रंगदारी जैसे अपराधों में लिप्त हो चुका था। गुड्डू स्कूली दिनों में ही कुछ बड़े अपराधियों से संपर्क में आया और उसने बम बनाना सीख लिया। घरवालों ने परेशान होकर जब उसे लखनऊ पढ़ने भेजा तो यहां उसके कदम रुके नहीं बल्कि कुछ सालों बाद यहां वह दो बड़े बाहुबलियों अभय सिंह व धनंजय सिंह से मिला। उस वक्त ये दोनों ही लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ते थे। 1997 तक टीचर की हत्या के आरोपी चल रहे धनंजय सिंह, मुख्तार अंसारी का दाहिना हाथ माने जाने वाले अभय सिंह का मजबूत गैंग बन गया था और गुड्डू मुस्लिम इनके गैंग का महत्वपूर्ण सदस्य बन चुका था।
पहली बार 1997 में चर्चा में आया
गुड्डू मुस्लिम का नाम अपराध की दुनिया में पहली बार तब चर्चा में आया, जब उसने 7 मार्च 1997 को लखनऊ के चर्चित लामार्टीनियर स्कूल के गेम टीचर फेड्रिक जे गोम्स की हत्या कर दी। इस मामले में सबसे दिलचस्प ये रहा कि गुड्डू मुस्लिम गिरफ्तार हुआ, उसने जुर्म कुबूलने के साथ ही कैसे घटना को अंजाम दिया ये भी बताया। लेकिन पुलिस उसे दोषी साबित नहीं कर सकी और वह बरी हो गया। गौरतलब है कि राजूपाल हत्याकांड के इकलौते गवाह उमेश पाल की सरेशाम 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से ही गुड्डू मुस्लिम फरार है। पुलिस ने उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया हुआ है।
साभार : अमर उजाला
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