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इंडिगो एयरलाइंस का मार्केट कैप हुआ 1 लाख करोड़ के पार

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मुंबई. इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड यानी इंडिगो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1 लाख करोड़ रुपए के आकड़े को पार कर गया है। इसके साथ इंडिगो इस अचीवमेंट को हासिल करने वाली देश की पहली एयरलाइन कंपनी बन गई है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर आज इंडिगो का शेयर 3.55% की तेजी के साथ 2619.85 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, इंट्राडे में स्टॉक 2634.25 रुपए के रिकार्ड हाई को भी टच किया। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 1,01,007.56 करोड़ रुपए हो गया है।

इसी महीने इंडिगो ने 500 एयरबस A320 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया था
सोमवार (19 जून) को इंडिगो ने 500 एयरबस A320 फैमिली एयरक्राफ्ट खरीदने का ऐलान किया था। इसके साथ ही इंडिगो एक बार में इतना बड़ा ऑर्डर देने वाली पहली भारतीय एयरलाइन बन गई है। इंडिगो से पहले यह रिकॉर्ड एअर इंडिया के नाम था। इन एयरक्राफ्ट्स की डिलीवरी 2030 से 2035 के बीच होने की उम्मीद है। 500 एयरबस A320 फैमिली एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए इंडिगो 50 अरब डॉलर यानी 4.09 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। हालांकि ऑर्डर की वास्तविक लागत कुछ कम भी हो सकती है, क्योंकि आमतौर पर ऐसे बड़े सौदों पर डिस्काउंट मिलता है।

इंडिगो की डोमेस्टिक मार्केट में 61% हिस्सेदारी
डोमेस्टिक मार्केट में इंडिगो की 61% हिस्सेदारी है। वर्तमान में इंडिगो 26 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के लिए फ्लाइट्स ऑपरेट करती है, जिससे 75 इंटरनेशनल सिटीज को सर्विस मिलती है। 300 से ज्यादा विमानों की फ्लीट के साथ एयरलाइन रोजाना 1800 से ज्यादा उड़ानों के जरिए देश के 78 शहरों को जोड़ती है।

2027 तक भारत में दोगुने हो सकते हैं यात्री

  • देश में कोविड से पहले की तुलना में 9% अधिक हवाई यात्री हैं। रोज औसतन 5 लाख लोग यात्रा कर रहे हैं।
  • देश में 2013-14 में 6 करोड़ हवाई यात्री थे, जो बढ़कर 20 करोड़ हो गए। विमान 400 से 700 हुए।
  • देश में बीते साल 20 करोड़ यात्रियों ने सफर किया। 2027 तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री बढ़कर 40 करोड़ होने की उम्मीद है।
  • अभी 700 यात्री प्लेन हैं, जो नाकाफी हैं। ऐसे में आगामी वर्षों में 3-4 नई एयरलाइंस आ रही हैं। एअर इंडिया भी बेड़े को 3 गुना बढ़ा रही है।
  • देश में 8 साल में एयरपोर्ट 74 से बढ़कर 141 हो गए हैं। अगले पांच वर्षों में 80 नए एयरपोर्ट जुड़ेंगे। 2030 तक 220 एयरपोर्ट होंगे।
  • सेंटर फॉर एशिया पेसिफिक एविएशन के मुताबिक 2043 तक 4000 प्लेन के साथ भारत में 130 करोड़ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्री होंगे।

मार्केट कैप क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के कुल आउटस्टैंडिंग शेयरों की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।

मार्केट कैप = आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या x शेयर की कीमत

मार्केट कैप कैसे काम आता है?
किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स से लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है।

मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?
मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

 

साभार : दैनिक भास्कर

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