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मणिपुर हिंसा : सीबीआई को मिली नौ और मामलों की जांच

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इम्फाल. मणिपुर हिंसा से जुड़े नौ और मामलों की जांच सीबीआई करेगी, जिससे एजेंसी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों की कुल संख्या 17 हो जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई मणिपुर हिंसा से संबंधित नौ और मामलों की जांच करने के लिए तैयार है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी की जांच इन 17 मामलों तक सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध या यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी अन्य मामले को भी प्राथमिकता के आधार पर भेजा जा सकता है।

CBI ने अबतक दर्ज किए आठ मामले

बता दें कि सीबीआई ने अब तक आठ मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मणिपुर में महिलाओं पर कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित दो मामले शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई नौ और मामलों को संभालेगा। अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी राज्य के चुराचांदपुर जिले में कथित यौन उत्पीड़न के एक और मामले को अपने हाथ में ले सकती है।

सीबीआई को करना पड़ रहा कई चुनौतियों का सामना

अधिकारियों ने कहा कि समाज जातीय आधार पर बंटा हुआ है, ऐसे में सीबीआई को मणिपुर ऑपरेशन के दौरान पक्षपात के आरोपों से बचने की महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि एक समुदाय के लोगों की किसी भी संलिप्तता के परिणामस्वरूप दूसरी तरफ से उंगलियां उठाई जाएंगी।

कई मामलों की जांच कर रही है सीबीआई

सूत्रों ने कहा कि इनमें से कई मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, जिन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधान लागू हो सकते हैं, जिनकी जांच पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चूंकि डिप्टी एसपी ऐसे मामलों में पर्यवेक्षी अधिकारी नहीं हो सकते हैं, इसलिए एजेंसी जांच की देखरेख और निगरानी के लिए अपने पुलिस अधीक्षकों को तैनात करेगी।

महिला अधिकारियों को भी किया तैनात

उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी सभी फोरेंसिक नमूनों को अपने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में स्थानांतरित करेगी। क्योंकि इसकी जांच की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की जांच के लिए राज्य में महिला अधिकारियों को भी तैनात किया है।

3 मई को भड़की थी जातीय हिंसा

बता दें कि मणिपुर में बीते 3 मई को पहली बार जातीय हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ लोग घायल भी हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, वह 40 प्रतिशत हैं और यह समुदाय ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

साभार : दैनिक जागरण

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