चेन्नई. सुप्रीम कोर्ट सनातन धर्म पर टिप्पणी के मामले में तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ( Udhayanidhi Stalin) के खिलाफ FIR की याचिका पर सुनवाई को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार, उदयनिधि स्टालिन, सीबीआई, ए राजा अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच याचिकाओं के साथ जोड़ने से इनकार किया है.
मामले की सीबीआई जांच की मांग
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन के आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था. दायर याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई कि 2 सितंबर को आयोजित सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन में राज्य के मंत्रियों की भागीदारी असंवैधानिक थी और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है. इसके साथ ही मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है.
उदयनिधि स्टालिन ने सनातम धर्म को लेकर की ये टिप्पणी
बीते दिनों तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातम धर्म (Sanatan Dharma) की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने दो सितंबर को आरोप लगाया था कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए.
विश्व हिंदू परिषद की स्थानीय इकाई की शिकायत पर FIR दर्ज
उनकी इस टिप्पणी के बाद डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ मुंबई से सटे मीरा रोड पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए है और 295ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई. बता दें कि उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद की स्थानीय इकाई की शिकायत पर ये एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
साभार : एनडीटीवी
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