रविवार, दिसंबर 22 2024 | 08:21:46 PM
Breaking News
Home / राज्य / राजस्थान / अशोक गहलोत ने राजस्थान में दिए जातिगत सर्वे के आदेश, बड़ा चुनावी दांव

अशोक गहलोत ने राजस्थान में दिए जातिगत सर्वे के आदेश, बड़ा चुनावी दांव

Follow us on:

जयपुर. विधानसभा चुनाव से पहले जाति आधारित सर्वे को लेकर छिड़ी बहस पर विराम लगाते हुए गहलोत सरकार ने मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। शनिवार देर शाम को राजस्थान सरकार ने घोषणा करते हुए जातिगत सर्वेक्षण का आदेश जारी कर दिया है। अब देखना ये है चुनाव से ठीक पहले गहलोत के इस चुनावी दांव का सरकार को कितना फायदा मिलेगा।

अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी सरकार
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी। सर्वे में नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर के संबंध में जानकारी व आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। आंकड़ों के आधार पर वर्गों के पिछड़ेपन की स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएं लागू की जाएंगी।

अपने संकल्प पर काम कर रही सरकार
‘एक्स’ एकाउंट पर कांग्रेस पार्टी की ओर से इस आदेश को साझा किया गया। बताया गया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है। कांग्रेस ‘जिसकी जितनी भागीदारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी’ के अपने संकल्प पर काम कर रही है।

यह केवल परिवारों का सर्वेक्षण है
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्रकार वार्ता के दौरान कहा था कि राज्य सरकार बिहार के मॉडल को अपनाते हुए राज्य में जातिगत सर्वेक्षण करवा सकती है। जनगणना तो भारत सरकार ही करवाती है, यह केवल परिवारों का सर्वेक्षण है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति का पता चल सके। मैं समझता हूं कि ये बड़ा निर्णय है। हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है, हम इसे आगे बढ़ाएंगे।

जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी
शुक्रवार को कांग्रेस की कोर कमेटी की पीसीसी के वॉर रूम में लंबी बैठक हुई थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में भी बिहार पैटर्न पर जातिगत योजना जनगणना करवाई जाएगी। उसके बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि राहुल गांधी ने जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात कही है। जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में कराई गई जाति जनगणना को रोका नहीं है, अब सरकार यहां भी जातिगत जनगणना के आदेश जारी करेगी। इस बारे में संविधान की भावना और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी ध्यान में रखा जाएगा।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon।in/dp/9392581181/

https://www।flipkart।com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

ये अजमेर दरगाह नहीं शिव मंदिर है, दावे का सर्वे कराने के लिए याचिका स्वीकार

जयपुर. अजमेर शरीफ दरगाह की जगह पर शिव मंदिर होने का दावा करने वाली हिंदू पक्ष की …