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कर्नाटक की शक्ति स्कीम को लेकर आपस में ही भिड़े कांग्रेसी नेता, मुख्यमंत्री ने दी सफाई

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बेंगलुरु. कर्नाटक सरकार की शक्ति स्कीम को लेकर देश में राजनीति गरम है. राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार शक्ति योजना पर फिर से विचार करेगी, क्योंकि कुछ महिलाओं ने सरकारी बसों में यात्रा के लिए भुगतान करने की इच्छा व्यक्त की हैं. इस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने डीके शिवकुमार की ही क्लास लगा दी.

खरगे ने की कर्नाटक सरकार की खिंचाई

कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने कहा था, “लगभग 5 से 10 फीसदी महिलाएं कह रही हैं कि जब वो स्वेच्छा से किराया देना चाहती हैं, तब भी कंडक्टर टिकट के लिए पैसे नहीं लेते हैं. मैं जल्द ही परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी के साथ बैठक करूंगा और इस पर चर्चा करूंगा.” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक सरकार की खिंचाई करते हुए कहा, “चुनाव से समय ऐसे वादे न करें, जिसे बाद में पूरा नहीं कर पाएं. ऐसे वादे करने से राज्य पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है.”

सीएम सिद्धारमैया ने दी सफाई

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी साफ किया कि राज्य में शक्ति स्कीम को बंद नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, “सरकार इस पर कोई पुनर्विचार नहीं करने जा रही है. शिवकुमार ने वहीं कहा है जो कुछ महिलाओं ने उनसे कहा है.” जब विवाद बढ़ा तो उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की सफाई भी सामने आई. उन्होंने कहा, “मैंने शक्ति योजना पर केवल 5-10 प्रतिशत महिलाओं की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया. हम किसी भी परिस्थिति में गारंटी योजनाओं को बंद नहीं करेंगे. कुछ महिलाओं ने कहा कि वे टिकट खरीद लेंगी, लेकिन कंडक्टर पैसे लेने में हिचकिचाते हैं. मैंने केवल यह सुझाव दिया कि इस पर विचार करने की आवश्यकता है.”

कर्नाटक सरकार की शक्ति योजना

प्रदेश की कांग्रेस सरकार की इस गारंटी के तहत महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा प्रदान की जाती है. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ाना है. इससे महिलाएं रोजगार, शिक्षा और दैनिक कामकाज में और भी आजादी से भाग ले सकें. कांग्रेस ने राज्य के चुनाव प्रचार में पांच गारंटी दी थी, जिसमें एक शक्ति योजना भी थी. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने खरगे की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी चुनावी घोषणाएं, जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए होती हैं.

साभार : एबीपी न्यूज़

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